OMG: रक्षाबंधन पर कर्मचारियों का वेतन न काटने पर HR की गई नौकरी, बॉस की वायरल चैट देख भड़के यूजर्स
Ajab Gajab: कंपनी ने कमेंट बॉक्स में कहा कि, 'विक्टिम कार्ड खेलना और सहानुभूति प्राप्त करना आसान है।' कंपनी ने आरोप लगाया कि महिला काम में मेहनती नहीं थी और अपने वर्किंग आवर का उपयोग बेटी का होमवर्क करने में करती थी, कंपनी के सोशल मीडिया पेज को मैनेज करने में विफल रही..और भी बहुत कुछ।'
बॉस के साथ महिला की चैट वायरल। (Unsplash/Paras Kaushal, LinkedIn/Babina)
मुख्य बातें
- कंपनी पर रक्षाबंधन की छुट्टी लेने वालों की सैलरी काटने का आरोप
- महिला का दावा कर्मचारियों के हक में आवाज उठाने पर गई नौकरी
- लिंक्डइन पर महिला के समर्थन में आए लोग
Ajab Gajab: एक महिला ने लिंक्डइन पर दावा किया है कि, उसकी कंपनी ने उसे इसलिए नौकरी से निकाल दिया क्योंकि वह बतौर HR कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी हुई थी। अपनी पोस्ट में उसने बताया कि, कंपनी ने 19 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों के वेतन में से सात दिन की कटौती करने का फैसला लिया था। महिला की पोस्ट वायरल होने के बाद कंपनी ने सफाई दी है कि, महिला को उसकी अक्षमता के कारण एचआर के पद से निकाल दिया गया। हालांकि, टाइम्स नाउ नवभारत ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है।
लिंक्डइन पर महिला ने लिखा कि, 'कानून के अनुसार जो गलत था मैंने उसके लिए स्टैंड लेने की कोशिश की, लेकिन इसके बदले में मुझे टर्मिनेशन लेटर मिला। उन्होंने ईमेल में उल्लेख किया कि वे मुझे 2 हफ्ते का समय देंगे, लेकिन उन्होंने सभी एक्सेस रद्द कर दिए ताकि मैं तुरंत नौकरी छोड़ सकूं। ये मेरे बॉस के साथ मेरी चैट है और उन्होंने मुझे इसलिए टर्मिनेट कर दिया क्योंकि मैंने स्टैंड लिया और उन्हें सुझाव दिया कि हम 1 दिन की अनुपस्थिति के लिए 7 दिनों का वेतन नहीं काट सकते। गौरतलब है कि, महिला ने बॉस के साथ व्हाट्सएप चैट के कुछ स्क्रीनशॉट भी शेयर किए।
महिला ने लिंक्डइन पर किया दावा।
कंपनी ने कमेंट बॉक्स में कहा कि, 'विक्टिम कार्ड खेलना और सहानुभूति प्राप्त करना आसान है।' कंपनी ने आरोप लगाया कि महिला काम में मेहनती नहीं थी और अपने वर्किंग आवर का उपयोग बेटी का होमवर्क करने में करती थी, कंपनी के सोशल मीडिया पेज को मैनेज करने में विफल रही..और भी बहुत कुछ।'
कंपनी ने किया पलटवार।
कई लोगों ने महिला के प्रति अपना समर्थन दिखाया। एक यूजर ने लिखा कि, 'लगता है कि बॉस अभी भी औपनिवेशिक शासन और गुलामी को बढ़ावा दे रहा है। मज़बूत बने रहिए।' दूसरे ने लिखा, 'लगता है कि आपने उसे गलत जगह पर चोट पहुंचाई है। आखिरकार वह एक महान व्यक्ति है और आपसे नैतिक दिशा-निर्देशों की शिक्षा को पचा नहीं पाया। कृपया श्रम न्यायालय में मामला दर्ज करें क्योंकि इसमें कदाचार, आधुनिक गुलामी और धोखाधड़ी वाली कॉर्पोरेट रणनीति का हवाला देते हुए शायद 100 रुपये से भी कम लगते हैं। कृपया इस महान व्यक्ति को गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने, कार्यस्थल पर उत्पीड़न और धमकाने के लिए कानूनी नोटिस भेजें और उसका विरोध करें। यह देखकर बहुत खुशी होती है कि अभी भी आपके जैसे एचआर हैं और आपने वास्तव में उनका साथ दिया। इस व्यक्ति को मत छोड़ो। क्योंकि आज यह आप हैं और कल यह कोई और होगा।'
तीसरे ने कहा कि, 'केंद्र सरकार की एक वेबसाइट है जिस पर आप शिकायत कर सकते हैं, नहीं तो दूसरा सुझाव यह है कि कंपनी के सभी कर्मचारी एक साथ इस्तीफा दे दें, उसके बाद कंपनी खत्म हो जाएगी तो वह खुद नौकरी के लिए आवेदन कर देगा और ये सब समझ जाएगा।' चौथे ने लिखा कि, 'कर्मचारी एकता दिखाएं और उसका समर्थन करें। अपनी आवाज़ उठाएं! यह बहुत अनैतिक है।' जब लिंक्डइन पर महिला के आरोपों का खंडन करते हुए एक अलग पोस्ट शेयर की गई तो कंपनी के कई कर्मचारियों ने अपना समर्थन दिखाया।
(डिस्क्लेमर: यह खबर लिंक्डइन पर किए गए दावों पर आधारित है। टाइम्स नाउ नवभारत खबर में किए गए किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है।)
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शाश्वत गुप्ता author
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