Bhai Dooj 2022: इस मंदिर में भाई-बहन का एक साथ जाना है वर्जित, वजह है हैरान करने वाली

Bhai Dooj 2022: भाई-दूज से पहले हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भाई-बहन का एक साथ जाना वर्जित है। इसके पीछे की वजह भी हैरान करने वाली है।

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भारत का अनोखा मंदिर (फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)

मुख्य बातें
  • हिंदू धर्म में भाई-दूज का त्योहार है बेहद खास
  • भाई को टीका लगाकर उसकी आरती उतारती हैंं बहने
  • भाई-दूज के मौके पर जानिए एक अनोखे मंदिर के बारे में

Bhai Dooj 2022: हिंदू धर्म में भाई-बहन के लिए दो त्योहार बहुत खास होते हैं। एक है रक्षाबंधन और दूसरा भाई-दूज का त्योहार है। जहां रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। वहीं भाई दूज के मौके पर बहनेंं भाई को टीका लगाकर उसकी आरती उतारती हैं। इस साल भाई दूज 26 अक्टूबर को है। भाई-दूज से पहले हम आपको देश के एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भाई-बहन का एक साथ जाना वर्जित है। इसके पीछे की वजह भी हैरान करने वाली है।

वजह है हैरान करने वाली

यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के कसडोल के नजदीक महानदी के तट पर स्थित है। मंदिर नारायणपुर नाम के एक गांव में है, जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के आस-पास रहने वाले लोगों का कहना है कि भगवान शिव के इस भव्य मंदिर का निर्माण रात में किया गया था। इसे बनाने में लगभग 6 महीने का समय लगा था और रात में ही मंदिर का निर्माण किया जाता था। लोगों का कहना है कि आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाले प्रधान शिल्पी नारायण निर्वस्त्र होकर रात में मंदिर का निर्माण करते थे।

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यहां के लोगों का मानना है कि उनकी पत्नी रात में उनके लिए भोजन लेकर आती थीं। जब मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका था और सिर्फ उसका शिखर बनना बचा था, तभी किसी कारणवश उनकी पत्नी उनके लिए खाना लेकर नहीं जा पाईं। तब उनकी पत्नी की जगह उनकी बहन भोजन लेकर चली गईं। जब नारायण ने अपनी बहन को देखा तो उन्हें अत्यंत शर्मिंदगी महसूस हुई थी। इसके बाद उन्होंने मंदिर के शिखर से कूदकर अपनी जान दे दी थी। यह किस्सा ही यहां आस-पास प्रचलित है और माना जाता है कि तब से भाई-बहन एक साथ मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए नहीं जाते हैं। छत्तीसगढ़ का यह प्राचीन शिव मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।

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आदित्य साहू author

देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले और हरिवंशराय बच्चन के शहर प्रयागराज में पैदा होने के बाद साल 2015 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारित...और देखें

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