Railway Station: अजब है देश का यह रेलवे स्टेशन, लोग टिकट तो लेते हैं लेकिन यात्रा नहीं करते

Dayalpur Railway Station: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बहुत ही अनोखा रेलवे स्टेशन है। दयालपुर नाम के इस रेलवे स्टेशन से यहां के स्थानीय लोग टिकट तो खरीदते हैं, लेकिन वह यात्रा नहींं करते हैं। इस रेलवे स्टेशन को बनवाने में देश के पहले PM जवाहर लाल नेहरू की बड़ी भूमिका थी।

dayalpur Railway Station

दयालपुर रेलवे स्टेशन (फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)

मुख्य बातें
  • देश के पहले PM ने बनवाया था रेलवे स्टेशन
  • प्रयागराज जिले के अंतर्गत आता है रेलवे स्टेशन
  • दयालपुर नाम का रेलवे स्टेशन है सबसे अनोखा

Dayalpur Railway Station: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत के लगभग हर कोने में ट्रेन चलती है। कोई सामान ले जाना हो या यात्रियों का देश के एक हिस्से से किसी दूसरे हिस्से में जाना.. ट्रेन सबसे आसान जरिया है। भारत में कई अजीबोगरीब रेलवे स्टेशन भी हैं। बिना नाम वाला रेलवे स्टेशन, अजीबोगरीब नाम वाला रेलवे स्टेशन, भुतहा रेलवे स्टेशन आदि। लेकिन देश में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है, जहां लोग टिकट खरीदते हैं, लेकिन सफर नहीं करते।

टिकट खरीदने के बाद भी कहीं नहीं जाते लोग

यह बात जानकर आप सोच में पड़ गए होंगे कि जब लोगों को सफर नहीं करना होता तो टिकट क्यों खरीदते हैं। बता दें कि यह रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है। इस रेलवे स्टेशन का नाम दयालपुर है। दयालपुर रेलवे स्टेशन देश का एकमात्र रेलवे स्टेशन है, जहां से लोग टिकट तो खरीदतते हैं। इसके बावजूद ट्रेन में सफर नहीं करते। इसके पीछे की कारण बहुत ही अनोखा और दिलचस्प है।

बता दें कि दयालपुर रेलवे स्टेशन के बनने की प्रक्रिया साल 1954 में शुरू हुई थी। इस रेलवे स्टेशन को बनवाने में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की बड़ी भूमिका था। साल 1954 में देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री से 'दयालपुर रेलवे स्टेशन' बनवाने की मांग की थी। जब यह बनकर तैयार हुआ तो यहां से ट्रेन चलने लगी और यात्री भी आने-जाने लगे। स्टेशन बनने के 50 सालों तक सब कुछ बढ़िया चलता रहा।

हालांकि, साल 2006 में दयालपुर रेलवे स्टेशन को भारतीय रेलवे ने बंद कर दिया था। इसके पीछे भारतीय रेलवे ने वजह बताई थी कि यहां से तय मानक से कम टिकट बिकता है। इसके बाद 14 सालों तक यह रेलवे स्टेशन बंद पड़ा रहा। फिर आया साल 2020.. यहां के सांसद, विधायक और स्थानीय लोगों के प्रयास के बाद फिर से इस रेलवे स्टेशन को शुरू किया गया। इसके बाद यहां के लोग इस डर के मारे टिकट खरीद लेते हैं कि कहीं दोबारा से यह स्टेशन बंद न हो जाए। लोग अपनी क्षमतानुसार यहां से टिकट खरीदते रहते हैं, लेकिन उन्हें कहीं सफर नहीं करना होता है।

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आदित्य साहू author

देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले और हरिवंशराय बच्चन के शहर प्रयागराज में पैदा होने के बाद साल 2015 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारित...और देखें

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