Delhi Metro में 22 वर्षीय लड़की ने बुजुर्ग पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप, यूजर्स ने शेयर किए डरावने अनुभव

Delhi Metro Viral News: 22 वर्षीय ग्रेजुएशन की एक छात्रा ने दिल्‍ली मेट्रो में बुजुर्ग पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। इस घटना के बारे में उसने Reddit पर लिखा तो पोस्‍ट को 400 से ज्‍यादा अपवोट मिले। हालांकि, टाइम्‍स नाउ नवभारत ऐसे दावों की पुष्टि नहीं करता है।

दिल्‍ली मेट्रो में लड़की से छेड़छाड़ का दावा।
मुख्य बातें
  • दिल्‍ली मेट्रो में बुजुर्ग पर छेड़छाड़ का आरोप
  • दिल्ली मेट्रो से विश्वविद्यालय की ओर जाते समय हुई घटना
  • अपनी सुरक्षा को लेकर सचमुच डर गई छात्रा

Delhi Metro Viral News: 22 वर्षीय लड़की ने रेडिट पर एक पोस्ट शेयर की है। आरोप लगाते हुए उसने कहा है कि दिल्ली मेट्रो में एक बुजुर्ग महिला ने उसे गलत तरह से छुआ। उसने कहा कि उसने अपनी सीट उस बुजुर्ग को दे दी थी और खड़ी हो गई। इसी बीच उस आदमी ने दूसरे डिब्बे की ओर भाग जाने से पहले उसको पीछे से गलत इरादे से छुआ। इस पोस्ट ने लोगों को नाराज तो किया ही मगर इसी पोस्‍ट के साथ कई लोगों ने अपने मेट्रो में यात्रा के अपने डरावने अनुभवों को शेयर किया है। हालांकि, टाइम्‍स नाउ नवभारत ऐसे दावों की पुष्टि नहीं करता है।

लड़की ने आरोप लगाते हुए बताया कि, घटना दिल्ली मेट्रो से विश्वविद्यालय की ओर जाते समय हुई। महिला ने लिखा, 'घृणा और डर। एक बूढ़े आदमी ने विश्वविद्यालय की ओर जाने वाली येलो लाइन पर मेट्रो में मेरे शरीर के पिछले हिस्‍से को छुआ! सबसे बड़ी बात है कि वह थोड़ा बूढ़ा लग रहा था और मैं उसे अपनी सीट दे रही थी क्योंकि मेरा स्टेशन आ रहा था। वह कुछ देर के लिए उस खाली सीट को देखता रहा और मुझे सहज रूप से कुछ अजीब लगा और फिर जब मैं मेट्रो गेट की ओर बढ़ने लगी तो उसने अपना हाथ मेरे शरीर पर रगड़ दिया।' उसने आगे बताया कि कैसे इस घटना ने उसे डरा दिया और डरा दिया। अपने पोस्ट के अंत में उसने लिखा कि, 'मैं 22 वर्षीय स्नातकोत्तर छात्रा हूं और हालांकि मैं पुरुषों द्वारा घूरने की आदत डाल चुकी हूं, लेकिन मेट्रो में पहली बार ऐसा होने से मैं अपनी सुरक्षा को लेकर सचमुच डर गई।' लड़की की इस पोस्‍ट को अब तक करीब 400 से ज्‍यादा अपवोट मिले हैं। कुछ लोगों ने महिला के साथ सहानुभूति जताई तो कुछ लोग खुद के डरावने अनुभव शेयर करने लगे।

लड़की की पोस्‍ट वायरल।

एक यूजर ने कहा, 'जब मैं हाई स्कूल में थी तो 4 लड़कों के एक ग्रुप ने मुझे दीवार से सटाकर मेरे साथ छेड़छाड़ की थी, और अगर मेरे किसी दोस्त ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो यह और भी बुरा हो सकता था। उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की गई थी, लेकिन ऐसी चीजें आपको कभी नहीं छोड़तीं। उस दिन मुझे जो डर महसूस हुआ, उसने मुझे इतना झकझोर दिया और मेरी सांस फूलने लगी कि मैं खुद को रोक भी नहीं पाई। मैं केवल कल्पना कर सकती हूं कि बलात्कार पीड़ितों को क्या सहना पड़ता होगा। मुझे मेट्रो में भी ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ा है। मुझे लगता है कि मैं यहां यह कहना चाह रही हूं कि दुनिया महिलाओं के लिए सेफ नहीं है और हमें इसे स्वीकार करना होगा और उचित उपाय करने होंगे, हम कभी भी पुरुषों की तरह पूरी तरह से आराम से नहीं रह सकते। उस हाई स्कूल की घटना की निराशा को दूर करने में मुझे कुछ साल लग गए। उस घटना ने मुझे इतना डरा दिया कि मैं अभी भी अजनबी आदमियों से भी डरती हूं, भले ही वे सभी तार्किक कोणों से हरी झंडी हों। और मैं समझती हूं कि सभी पुरुष ऐसे नहीं होते, लेकिन पछताने से बेहतर है कि सुरक्षित रहें।'

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