Video: मुंबई की लोकल ट्रेन में शख्‍स ने जुगाड़ से बनाई ऐसी सीट, देखकर आंखें फटी की फटी रह जाएंगी

Mumbai Local Train Video: इंस्‍टाग्राम पर ये वीडियो @borivali_churchgate_bhajan नामक अकाउंट से शेयर किया गया है। जब शख्‍स स्‍टूल निकालकर उस पर बैठ जाता है तो कोच की भीड़ से पूरी तरह चौंक जाती है।

मुंबई लोकल ट्रेन का वीडियो वायरल।

Mumbai Local Train Video: मुंबई की लोकल ट्रेनों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर यूजर्स का मनोरंजन करते हैं। मुंबई लोकल उन पब्लिक ट्रांसपोर्ट्स में से एक है जिसमें अपनी सीट बचाना यात्रियों के लिए बड़ा चैलेंज होता है। हालांकि, एक यात्री अपने जुगाड़ से भरे अंदाज में इस चैलेंज से निपट लिया। उसका जुगाड़ इतना शानदार था कि, वीडियो को वायरल होते देर न लगी। वह व्यक्ति शांत भाव से भीड़ से भरी ट्रेन में जाता है, अपना बैग खोलता है और एक छोटा प्लास्टिक स्टूल निकालता है, एक अनुभवी यात्री की तरह वह स्टूल खोलता है और भीड़ से भरी बोगी के बीच आराम से बैठ जाता है।

इंस्‍टाग्राम पर ये वीडियो @borivali_churchgate_bhajan नामक अकाउंट से शेयर किया गया है। जब शख्‍स स्‍टूल निकालकर उस पर बैठ जाता है तो कोच की भीड़ से पूरी तरह चौंक जाती है। इस दौरान जुगाड़ लगाने वाला शख्‍स भी सीधे कैमरे की ओर देखता है और विक्‍ट्री का संकेत दिखाता है। इस वायरल वीडियो को अब तक 4 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है और सैकड़ों प्रतिक्रियाएं मिल चुकी हैं। वीडियो पर इंस्टाग्राम पर बहुत से लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ यूजर्स ने इसे क्लासिक "ठग लाइफ" मोमेंट कहा तो कुछ ने यात्री के सहज रवैये की प्रशंसा की। एक यूजर ने कहा कि, 'उन्होंने सचमुच मेरे विचारों को वास्तविकता में बदल दिया।' दूसरे यूजर ने कहा कि, 'इसका एक आदर्श उदाहरण: जब जीवन आपको नींबू देता है, तो नींबू पानी बनाइए।'

गौरतलब है कि, मुंबई उपनगरीय रेलवे जो कि अक्‍सर लोकल ट्रेनों के नाम से पहचाना जाता है। ये वाहन शहर की परिवहन व्यवस्था की रीढ़। इस वाहन से एक दिन में 7.5 मिलियन से ज़्यादा यात्रियों को सहूलियत मिलती है। सेंट्रल रेलवे और वेस्टर्न रेलवे द्वारा संचालित, लोकल ट्रेनें मुंबई के दैनिक कामकाज के लिए जरूरी है, जो निवासियों को विशाल महानगर में आवागमन में मदद करती है। सिस्टम को तीन लाइनों में (वेस्टर्न लाइन, सेंट्रल लाइन और हार्बर लाइन) में बांटा गया है। ये ट्रेनें 300 किलोमीटर से ज़्यादा के नेटवर्क पर चलती हैं, जिनसे रोज़ाना करीब 2,000 ट्रेनें चलती हैं।

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