Durga Puja Pandal Video: पानी की गिरती बूंदों से बजवा दिया शानदार म्‍यूजिक, क्रिएटिविटी का फैन हुआ सोशल मीडिया

Durga Puja Pandal Video: इंस्टाग्राम अकाउंट @calcuttacacophony ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'कोलकाता हमें हमेशा आश्चर्यचकित करता है।' इस पोस्ट को लोगों ने खूब पसंद किया है। यही वजह है कि, अब तक इस वीडियो को 3.5 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया है।

संरक्षित होती पानी बूंदें।

Durga Puja Pandal Video: भारत में दुर्गा पूजा के पंडालों की खूबसूरती इन दिनों सोशल मीडिया पर भी लोगों को लुभा रही है। 9 अक्टूबर को पूरे भारत में शानदार पंडालों की धूम रही, इसी बीच कोलकाता के पंडाल से आए एक वीडियो ने पूरी महफिल लूट ली। कोलकाता के साल्ट लेक एके ब्लॉक में एक अनोखे पंडाल में म्‍यूजिक का ऐसा प्रदर्शन हुआ जिसे 10 बार सुनने के बाद भी लोग का मन नहीं भर रहा है। बता दें कि, 'वर्षा जल संरक्षण' के विषय को केंद्र में रखकर इस पंडाल को सजाया गया। जिसे बनाने में 75 लाख रुपये के खर्च होने का दावा किया जा रहा है, हालांकि टाइम्‍स नाउ नवभारत इस दावे की पुष्टि नहीं करता है। वायरल हो रहे वीडियो में एक प्रभावशाली सेटअप दिखाया गया है जिसमें छत से गिरने वाली पानी की बूंदों को इकट्ठा करने के लिए एक गड्ढे में धातु और प्लास्टिक के बर्तनों को रखा गया है। जैसे ही पानी की बूंदें इन बर्तनों पर पड़ती है तो 'ढाक' कीअद्भुत धुन बजती है।

इंस्टाग्राम अकाउंट @calcuttacacophony ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'कोलकाता हमें हमेशा आश्चर्यचकित करता है।' इस पोस्ट को लोगों ने खूब पसंद किया है। यही वजह है कि, अब तक इस वीडियो को 3.5 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया है। दर्शकों ने पंडाल में दिखाई गई क्रिएटिविटी की काफी तारीफ की है। कई यूजर्स ने इस पर प्रतिक्रियाएं भी दी हैं। एक यूजर ने कहा, 'वाह... रचनात्मकता अपने चरम पर है... कॉन्‍सेप्‍ट बनाने वाले को सलाम।' दूसरे कुछ यूजर्स ने सरकार से इच्छा जताई कि वह शहर में आईटी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए ऐसी क्रिएटिविटर का उपयोग करे, जिससे रोज़गार संबंधी चुनौतियों के समाधानों पर प्रकाश डाला जा सके।

यूजर्स की प्रतिक्रियाओं में तारीफों के साथ मजाक का संगम भी देखने को मिला। एक यूजर ने मज़ाक करते हुए कहा, 'AI इंजीनियरों की जगह ले लेगा और यह ढाकियों की जगह ले लेगा! मज़ाक के अलावा, यह पागलपन है।' दूसरे यूजर ने कहा, 'सांस्कृतिक रचनात्मकता दूसरे स्तर पर है।'

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