ब्रिटिश काउंसिल की लाखों की नौकरी छोड़ लड़की ने सड़क किनारे खोली चाय की टपरी, जानिए क्यों किया ऐसा

MA English Chaiwali: लड़की ने इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर्स किया है। इसके बाद ब्रिटिश काउंसिल में नौकरी कर रही थी। हालांकि लड़की का मन नौकरी में नहीं लग रहा था। इसके बाद लाखों की नौकरी छोड़ लड़की ने सड़क पर चाय का ठेला लगाना शुरू कर दिया।

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चाय की दुकान (लिंक्डइन)

मुख्य बातें
  • MA इंग्लिश चायवाली हो रही है मशहूर
  • लाखों की नौकरी छोड़ शुरू किया स्टार्टअप
  • लड़की ने इंग्लिश लिटरेचर में किया है मास्टर्स

MA English Chaiwali: कहते हैं कि जब इंसान के भीतर मेहनत करने का जज्बा होता है तो वह कठिन परिस्थितियों में भी बुलंदियां छूने का रास्ता निकाल लेता है। पिछले कुछ सालों में बहुत सारे युवाओं ने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर छोटे स्टार्टअप शुरू किये हैं। MBA चायवाला, ग्रेजुएट चायवाली से लेकर अब MA इंग्लिश चायवाली अपने काम से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है। एमए इंग्लिश चायवाली ने लाखों की नौकरी छोड़कर चाय की दुकान शुरू की है।

MA इंग्लिश लड़की ने खोली चाय की दुकान

भले ही आपको लग रहा हो कि चाय की दुकान से क्या होगा, लेकिन लड़की के पास एक ऐसा विजन है। जिससे वह चायोज जैसे बड़ा ब्रांड बनाना चाहती है। इस लड़की के कारनामे से लोग अब काफी इंस्पायर हो रहे हैं। लड़की ने इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर्स किया है। इसके बाद ब्रिटिश काउंसिल में नौकरी कर रही थी। हालांकि लड़की का मन नौकरी में नहीं लग रहा था। इसके बाद लाखों की नौकरी छोड़ लड़की ने सड़क पर चाय का ठेला लगाना शुरू कर दिया। अब लोग उसे एमए इंग्लिश चायवाली कहकर बुला रहे हैं।

अपने सपनों को पूरा करने के लिए छोड़ी लाखों की नौकरी

लड़की का नाम शर्मिष्ठा घोष (Sharmistha Ghosh) है। शर्मिष्ठा का सपना है कि उनकी चाय-कैफे की चेन हो। इंग्लिश लिटरेचर में पोस्ट-ग्रेजुएट शर्मिष्ठा घोष इन दिनों दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार में रेहड़ी पर छोटी सी चाय की दुकान चलाती देखी जा सकती हैं। अपने स्टार्टअप के लिए उन्होंने ब्रिटिश काउंसिल की नौकरी छोड़ दी। भारतीय सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर संजय खन्ना ने उनकी कहानी को लिंक्डइन पर शेयर किया है। शर्मिष्ठा घोष की तस्वीर के साथ संजय खन्ना ने एक पोस्ट लिखा, 'मैं यह देखकर बेहद उत्सुक हुआ और शर्मिष्ठा से ऐसा करने का कारण पूछा। उन्होंने बताया कि उनके पास चायोस जितना बड़ा ब्रांड बनाने का विजन और सपना है।' शर्मिष्ठा घोष की दोस्त भावना राव इस छोटे से चाय के स्टॉल में ज्वाइंट पार्टनर हैं। जो लुफ्थांसा में काम करती हैं। संजय खन्ना ने लिखा, 'कोई भी काम छोटा नहीं है। बस अपने सपने को सच करने के लिए जुनून और ईमानदारी होनी चाहिए।'

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आदित्य साहू author

देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले और हरिवंशराय बच्चन के शहर प्रयागराज में पैदा होने के बाद साल 2015 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारित...और देखें

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