New Year Wishes: 'ऐ नए साल बता तुझमें नया क्या है' इस शायरी का सबसे ज्यादा क्यों इस्तेमाल करते हैं लोग?

Happy New Year 2023 Shayari: साल 2022 की विदाई और नए साल 2023 के स्वागत में लोग जश्न मनाने (Happy New 2023 Wishes) को तैयार हैं। लोग अपने घर, ऑफिस और दुकानों को सजा रहे हैं। बाजारों में अलग रौनक देखने को मिल रही है। अपने घरों को लोग गुब्बारों और अलग-अलग तरीकों से सजाने में लगे हैं।

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नए साल की शायरी (istock)

मुख्य बातें
  • हो रहा है नए साल का आगाज
  • आज है पुराने साल की आखिरी रात
  • नए साल का स्वागत करने को तैयार लोग
Happy New Year 2023 Wishes, Happy New Year 2023 images, Happy New Year 2023 Shayari, Happy New Year 2023 quotes, Happy New Year 2023 status, Happy New Year 2023 messages: नए साल का आगाज हो रहा है। इसके साथ ही लोगों के चेहरों पर अलग खुशी देखने को मिल रही है। आज साल 2022 की आखिरी रात है। साल 2022 की विदाई और नए साल 2023 के स्वागत में लोग जश्न मनाने (Happy New 2023 Wishes) को तैयार हैं। लोग अपने घर, ऑफिस और दुकानों को सजा रहे हैं। बाजारों में अलग रौनक देखने को मिल रही है। अपने घरों को लोग गुब्बारों और अलग-अलग तरीकों से सजाने में लगे हैं।
नया साल एक तरह से खुशियों का पैगाम लेकर (Happy New 2023 Quotes) आता है। नए साल की सबसे खास बात यह होती है कि लोग एक दूसरे को जमकर न्यू ईयर विश करते हैं। इसके अलावा अपने लिए भी दुआ करते हैं कि उनके लिए नया साल अच्छा हो। लोग खूबसूरत शायरियां और फोटोज भेजकर एक-दूसरे को न्यू ईयर विश करते हैं। आप भी अलग-अलग लोगों को अलग-अलग शायरियां भेजकर न्यू ईयर विश करते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि नए साल में लोग सबसे ज्यादा किस शायरी का इस्तेमाल करते हैं।

फैज लुधियानवी की शायरी
फैज लुधियानवी की लिखी शायरी को लोग सबसे ज्यादा नए साल पर शेयर करते हैं। आप भी पढ़िए नए साल पर लिखी गई यह स्पेशल शायरी-
ऐ नए साल बता तुझ में नया-पन क्या है
हर तरफ़ ख़ल्क़ ने क्यों शोर मचा रखा है
रौशनी दिन की वही तारों भरी रात वही
आज हम को नज़र आती है हर एक बात वही
आसमान बदला है अफ़्सोस ना बदली है ज़मीं
एक हिंदिसे का बदलना कोई जिद्दत तो नहीं
अगले बरसों की तरह होंगे क़रीने तेरे
किसे मालूम नहीं बारह महीने तेरे
जनवरी फ़रवरी मार्च में पड़ेगी सर्दी
और अप्रैल मई जून में होगी गर्मी
तेरा मन दहर में कुछ खोएगा कुछ पाएगा
अपनी मीआ'द बसर कर के चला जाएगा
तू नया है तो दिखा सुब्ह नई शाम नई
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई
बे-सबब लोग क्यों देते हैं मुबारक-बादें
ग़ालिबन भूल गए वक़्त की कड़वी यादें
तेरी आमद से घटी उम्र जहाँ से सब की
'फ़ैज़' ने लिक्खी है ये नज़्म निराले ढब की
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आदित्य साहू author

देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले और हरिवंशराय बच्चन के शहर प्रयागराज में पैदा होने के बाद साल 2015 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारित...और देखें

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