भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर, जहां पुरुष अर्धनारीश्वर बनकर दर्शन करते हैं, रहस्य जान चौंक जाएंगे आप

केरल के कोल्लम में स्थित कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां पुरुष अर्धनारीश्वर का रूप धारण कर दर्शन करने जाते हैं। इस मंदिर में इस प्रकार से रूप परिवर्तित कर दर्शन करने के पीछे का क्या रहस्य है, आइए जानते हैं...

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कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर, कोल्लम, केरल (Photo Credit - Facebook)

मुख्य बातें
  • केरल के कोल्लम में स्थित है कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर
  • मंदिर आदि शक्ति को समर्पित है
  • दुर्गा भगवती के इस मंदिर को लेकर कई रोचक तथ्य है
Kottankulangara Sridevi Temple Kollam: देश में यूं तो हजारों मंदिर है, लेकिन कुछ ऐसे मंदिर है जो इस धरती को और भी खूबसूरत बना देते हैं। और वह है इनका रहस्य और इनकी परंपरा। कुछ ऐसा ही है, केरल के कोल्लम में स्थित कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर। इस अनोखे मंदिर की यह तस्वीर आपको आपके अंदर छिपे अर्धनारीश्वर का एहसास कराएगी और उसकी शक्ति को दिखाएगी।
कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर माता दुर्गा भगवती यानी आदि शक्ति को समर्पित है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां पुरुषों को महिलाओं की तरह तैयार होकर पूजा करना पड़ता है। यानी पुरुषों को महिलाओं की तरह साड़ी पहन 16 श्रृंगार कर मंदिर में दर्शन किया जाता है। इसके लिए दक्षिण भारत के तमाम मेकअप आर्टिस्ट मंदिर आते हैं और यहां अपना स्टॉल लगाते हैं। जहां इन पुरुषों का मेकअप किया जाता है।
चाम्याविलक्कू फेस्टिवल के दौरान अनोखी परम्परा
इस मंदिर में मार्च महीने के दौरान एक फेस्टिवल आयोजित किया जाता है, जिसका नाम चाम्याविलक्कू (Chamayavilakku Festival) है। इस फेस्टिवल के दौरान यहां आने वाले सभी पुरुष आपको महिलाओं की तरह सज-संवरकर मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। माता की महिला के चलते कई सारे तो पुरुष पहचान में भी नहीं आते कि आखिर वे पुरुष है या महिला। उनका रूप बिल्कुल एक महिला की तरह ही लगता है। अर्धनारीश्वर का ये अनोखा रूप सिर्फ हमारे देश में ही देखने को मिल सकता है। फेस्टिवल के दौरान यहां सभी जाति धर्म के लोग आते हैं। मंदिर में मनाए जाने वाला यह त्योहार मलयालम कैलेंडर के मीनम महीने में मनाया जाता है।
मंदिर में स्थापित प्रतिमा स्वयंभू
मंदिर को लेकर कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित प्रतिमा स्वयंभू है। किवदंती के अनुसार, प्राचीन समय में कुछ बच्चे जंगल में खेल रहे थे, तभी उन्हें एक नारियल दिखा, जिसे तोड़ने पर उसमें से खून निकलने लगा। उस समय लोगों ने इस नारियल को देवी मान इसकी पूजा शुरू कर दी और फिर यहां मंदिर की भी स्थापना करवा दी गई। वैसे इस मंदिर में दर्शन करने महिला रूप में पुरुषों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसे '@SwamyJourno' नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है।
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किशन गुप्ता author

देश की धार्मिक राजधानी काशी में जन्म लिया और घाटों पर खेल-कूदकर बड़ा हुआ। साल 2019 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में...और देखें

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