OMG: कभी साल का पहला महीना होता था मार्च, फिर हुआ कुछ ऐसा कि पहुंच गया तीसरे नंबर पर

Ajab Gajab News: शूरवीरों का महीना कहा जाने वाला मार्च कब और कैसे तीसरे नंबर पर आ गया और कैसे जनवरी साल का पहला महीना बन गया। पहला महीना होने के कारण मार्च का नाम जोश से भर देने वाला रखा गया था।

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प्रतीकात्मक तस्वीर (ट्विटर)

Ajab Gajab News: साल के तीसरे महीने यानि कि मार्च की शुरुआत हो चुकी है। भले ही हम सब इसे साल के तीसरे महीने के रूप में जानते हैं, लेकिन एक समय यह साल का तीसरा नहीं बल्कि पहला महीना हुआ करता था। आज हम आपको बताएंगे कि शूरवीरों का महीना कहा जाने वाला मार्च कब और कैसे तीसरे नंबर पर आ गया और कैसे जनवरी साल का पहला महीना बन गया। इसके अलावा हम आपको यह भी बताएंगे कि मार्च शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई है।

कहां से आया 'मार्च' शब्द

मार्च शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा से हुई है। युद्ध में रोमन देवता को मार्टियस कहा जाता था। इसी मार्टियस से मार्च शब्द की उत्पत्ति हुई है। खगोलशास्त्री सोसिजीन ने मार्च को विकसित किया था और यह साल का पहला महीना था। पहला महीना होने के कारण इसका नाम जोश से भर देने वाला रखा गया। जब रोमन कैलेंडर की शुरुआत हुई तब साल में 12 नहीं बल्कि 10 महीने ही हुआ करते थे और मार्च को पहला महीना माना गया था। हालांकि, इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि मार्च को तीसरे नंबर पर रखना पड़ गया।

किसने जोड़ा जनवरी और फरवरी

दरअसल, रोमन शासक नुमा पोम्पिलियस ने जनवरी और फरवरी महीने को साल की शुरुआत में जोड़ दिया। इसके बाद मार्च तीसरे नंबर पर चला गया। हालांकि, कुछ संस्कृतियों में साल की शुरुआत अभी भी मार्च महीने से मानी जाती है। यह उन 7 महीनों में शामिल है, जिसमें 31 दिन होते हैं। भारत में भी मार्च को हर्षोल्लास के महीने के रूप में देखते हैं। फाल्गुन माह के आसपास यह महीना होता है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े पर्व इसी महीने मनाए जाते हैं।

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आदित्य साहू author

देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले और हरिवंशराय बच्चन के शहर प्रयागराज में पैदा होने के बाद साल 2015 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारित...और देखें

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