Linkedin पर 'टॉक्सिक वर्कप्‍लेस' पोस्‍ट लाइक करने पर महिला की गई नौकरी, इंटरनेट पर छिड़ा युद्ध

Viral News: महिला ने यह भी बताया कि दस में से सात लोगों को इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने अपने मैनेजर की हर बात पर हां नहीं कहा। महिला की ये पोस्‍ट कुछ ही समय में वायरल हो गई और यूजर्स की प्रतिक्रिया आने लगीं।

महिला की गई नौकरी।
Viral News: एक मानसिक स्वास्थ्य स्टार्टअप कंपनी में काम करने वाली महिला का दावा है कि, उसे हर दिन ऑफिस में जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा था। मैनेजर और सीईओ से लेकर कंपनी के अजीबोगरीब नियमों तक और कंपनी के माहौल से लेकर वहां के वर्क कल्‍चर तक लगभग हर चीज ने उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला। अपने इर्द-गिर्द ऐसा माहौल देखकर कई बार रोने के लिए उसे टॉयलेट जाना पड़ता था। दावा है कि, महिला उस वक्‍त पूरी तरह से टूट गई जब उसने लिंक्‍डइन पर 'टॉक्सिक वर्कप्‍लेस' से जुड़ी पोस्‍ट को लाइक कर दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि कंपनी ने महिला को नौकरी से निकाल दिया। महिला ने रेडिट पर अपनी आपबीती साझा की जिससे कई लोगों ने सुझाव दिया कि वह कंपनी का नाम बताए और उसे शर्मिंदा करे और लिंक्डइन पर भी अपना अनुभव शेयर करे। बहरहाल, टाइम्‍स नाउ नवभारत ऐसे किसी दावे की पुष्टि नहीं करता है।

रेडिट पर महिला की आपबीती

रेडिट पर महिला ने बताया कि, कैसे कंपनी के खराब माहौल ने उसके दिमाग पर असर डाला। महिला लिखती है, 'मुझे एक मानसिक स्वास्थ्य स्टार्टअप कंपनी में शामिल होने का दुख था जो बेहद टॉक्सिक थी। टॉक्सिक मैनेजर, अजीब नियम और गतिशीलता। मैनेजर ने ईमानदारी से मेरे जीवन को काम पर नरक बना दिया। वह एक बेहद शत्रुतापूर्ण व्यक्ति थीं और जब सीईओ बात कर रही होती थीं तो हमेशा मूर्ख बनाने की कोशिश करती थीं। सीईओ भी बहुत टॉक्सिक थीं; सचमुच भेड़ की खाल में भेड़िया। मुझे नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि मैंने लिंक्डइन पर टॉक्सिक वर्कप्‍लेस के बारे में बात करने वाली एक पोस्ट को लाइक किया था। यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में मैं बहुत भावुक हूं (कर्मचारी मानसिक स्वास्थ्य, आदि) इसलिए पोस्ट को लाइक करने से ये नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, पोस्ट खुद भी बहुत ही प्रासंगिक लग रही थी। सीईओ ने कथित तौर पर उन्हें फोन पर नौकरी से निकाल दिया और उन पर कंपनी के बारे में गलत बातें फैलाने का आरोप लगाया।

महिला ने उठाया सवाल

अपनी स्थिति साझा करते हुए महिला ने अपने साथी रेडिटर्स के सामने एक सवाल उठाया। पूछा कि, 'हम कार्यस्थल के मुद्दों के बारे में बोलने के बारे में बहुत बात करते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि अगर कोई ऐसे मुद्दों के बारे में बात करता है तो उसे अक्सर जाने दिया जाता है। क्या हमारी नियति यह है कि हम चाहे कितनी भी भयानक स्थिति क्यों न हो, अपना मुंह बंद रखकर काम करें?' आगे उसने लिखा कि, 'मैं इतनी डरी हुई हूं कि मुझे लगता है कि अगली जगह जहां मैं काम करूंगी, वहां मैं यही कर सकती हूँ। चुप रहो- काम करो और पागलपन को सहन करो। हालांकि मैं जानती हूं कि कार्यस्थलों को कैसे स्वस्थ बनाया जाए। दुखद है।'
End Of Feed