'सीनियर को सर कहें, आंख से आंख न मिलाएं !' फ्रेशर्स के लिए बने नियम पढ़कर यूजर्स का खून खौला, लगा दी क्लास
Viral News: नोटिस में सीनियर्स को 'सर' कहकर संबोधित करने, आंख से आंख न मिलाने और कॉलेज कैंटीन या ढाबों में प्रवेश न करने जैसे नियम शामिल किए गए हैं। इसके अलावा, जूनियर्स के लिए ड्रेस कोड लागू रहने की बातें भी लिखी हैं।
Viral News: कई भारतीय कॉलेजों में रैगिंग आधिकारिक तौर पर बैन है, लेकिन कुछ जगहों से कभी-कभी सीनियर्स द्वारा धमकाने और बल प्रयोग करने की खबरें सामने आया करती हैं। हाल ही में एक कॉलेज में सीनियर्स द्वारा जूनियर्स को 'कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता)' शीर्षक वाला नोटिस थमाया गया है, जो कि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें जूनियर्स के लिए ऐसे-ऐसे नियम बनाए गए हैं जिन्हें पढ़कर इंटरनेट यूजर्स इसकी आलोचना कर रहे हैं। बता दें कि, नोटिस में सीनियर्स को 'सर' कहकर संबोधित करने, आंख से आंख न मिलाने और कॉलेज कैंटीन या ढाबों में प्रवेश न करने जैसे नियम शामिल किए गए हैं। इसके अलावा, नोटिस में जूनियर्स के लिए ड्रेस कोड और हॉस्टल कर्फ्यू के लागू रहने की बातें भी लिखी हैं। 9 सितंबर से वायरल हो रही ये पोस्ट लगभग 2 लाख बार देखी जा चुकी है।
वायरल नोटिस में बनाए गए नियम
- हमेशा एक रंग की फुल स्लीव शर्ट, डबल प्लेटेड डार्क कलर पेंट और पिन छेद वाली ब्लैक बेल्ट पहनें
- हमेशा फीते वाले काले जूते और मोजे पहनें
- हमेशा क्लीन शेव रहें और बेहद छोटे बाल रखें
- आपको बुल्लु, कालिया, झुमरी जैसे किसी रेस्तरां आइस प्वाइंट या ढाबे जैसी दुकानों में जाने की अनुमति नहीं है। यदि देखा गया तो परिणाम गंभीर होंगे
- शाम 6:30 बजे के बाद आपको हॉस्टल परिसर के बाहर जाने की अनुमति नहीं है
- कभी भी किसी भी कॉलेज परिसर या उसके आस-पास शराब न पीएं और न धूम्रपान करें, यदि पकड़े गए, तो परिणाम आपके लिए गंभीर होंगे
- कभी भी वरिष्ठों से पहले संपर्क न करें
- सभी वरिष्ठों के प्रति सम्मान दिखाएं। प्री-फाइनल वर्ष, चौथे वर्ष के सीनियर्स और अंतिम वर्ष के सीनियर्स को 'सर' कहें
- सीनियर्स से बात करते समय हमेशा अपनी शर्ट के तीसरे बटन को देखें
- आचार संहिता याद रखें
- अपने सीनियर का नाम पूछने के लिए इस वाक्य का प्रयोग करें -
- कभी भी सीनियर से नजरें मिलाने की जुर्रत न करें
- अपने कमरे के पूर्व-रूममेट का नाम ब्रांच के नाम के साथ याद रखें
- विश्वविद्यालय जाते या आते समय हमेशा कतार में रहें
- कॉलेज कैंटीन में प्रवेश न करें
- सड़क पर चलते समय हमेशा बाईं ओर चलें
बुरी तरह यूजर्स ने लगाई क्लास
एक सोशल मीडिया यूजर ने फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, 'एक भारतीय कॉलेज में एक सीनियर द्वारा जूनियर को दी गई आचार संहिता। अगर यही माहौल है तो बच्चे कैसे कुछ सीखेंगे, या बड़े भी होंगे।'
दूसरे यूजर ने लिखा, 'जो लोग ऐसा पहली बार देख रहे हैं, वे किसी सरकारी इंजीनियरिंग या मेडिकल कॉलेज में नहीं गए हैं।' तीसरे यूजर ने कहा कि, 'यह आधिकारिक रैगिंग है…क्या ये लोग कभी भी सीनियर्स से आंख मिलाने की हिम्मत नहीं करते थे? सीनियर से पहले कभी संपर्क नहीं करते। थे।' चौथे ने मजाक करते हुए लिखा, 'उन सीनियर्स को डेनेरीस टार्गरियन से ज्यादा खिताब मिले हैं।' पांचवें ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि, 'यह कौन सा कॉलेज है? इस तरह के मामले केवल वहीं होते हैं जहां लोग प्रतिशोध नहीं लेते, यहां तक कि मेरे कॉलेज में भी सीनियर्स ने अपना दबदबा बनाने की कोशिश की थी लेकिन हमने कभी इसकी अनुमति नहीं दी। हर किसी का अपना स्वाभिमान होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई फ्रेशर है या ग्रेजुएट स्टूडेंट।' हालांकि, कई लोग इस नोटिस का बचाव करते हुए भी नजर आए। जिसमें एक यूजर ने कहा कि, 'यह मजाक होगा, 12वां नियम मेरे बैच के साथियों ने हमारे जूनियर्स के लिए भी मजे के लिए बनाया था।' दूसरे ने कहा कि, 'यह सीनियर्स द्वारा फ्रेशर्स के साथ की जा रही एक शरारत मात्र है।'
(डिस्क्लेमर: यह खबर वायरल हो रहे दावों पर आधारित है। अत: टाइम्स नाउ नवभारत इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।)
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