भारतीय मैनेजर कर्मचारियों की Sick Leave पर कैसा रिएक्‍शन देते हैं ? मिले चौंकाने वाले जवाब, आखिरी वाला तो डरा ही देगा

Viral News: रेडिट पर एक यूजर ने कहा कि, 'मैनेजर को सीमाओं का उल्लंघन करने और कर्मचारियों पर प्रेशर बनाने की आदत हो गई है। सभी ने भारतीय वर्क कल्‍चर के बारे में शिकायत की और इसे टॉक्सिक कहा। लेकिन टेस्ला जो कर रहा है, वह विषाक्तता से भी एक कदम आगे की चीज है।'

भारतीय मैनेजरों के बारे में रेडिटर्स ने किए कमेंट।

भारतीय मैनेजरों के बारे में रेडिटर्स ने किए कमेंट।

Viral News: एलन मस्क की टेस्ला ने कथित तौर पर बढ़ती अनुपस्थिति को दूर करने के लिए अपने यहां के नियमों में सख्ती बरती है। दावा है कि कंपनी ने कथित तौर पर 30 जर्मन कर्मचारियों के घर प्रतिनिधियों को भेजा है जिन्होंने बीमार होने की बात कहकर छुट्टी ली थी। कंपनी के इस कदम से नाराज लोगों ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया दी। ऐसे में यूजर्स ने खराब प्रतिक्रिया मिलने वाले खुद के भी एक्‍सपीरिएंस शेयर किए। एक रेडिट यूजर ने कहा कि, उनके मैनेजर ने उनके बीमार होने की सूचना देने पर क्या प्रतिक्रिया दी और जवाबों में दुखद और मनोरंजक दोनों तरह की कहानियां थीं। एक यूजर ने इं‍डिया सोशल ग्रुप पर पूछा कि, 'क्या आपके पास कभी ऐसे मैनेजर रहे हैं जो वास्तव में यह जांचते हैं कि आप बीमार हैं या नहीं, जब आप बीमार होने की छुट्टी लेते हैं ? '

रेडिटर्स ने बताए अनुभव

यूजर ने आगे लिखा, 'मैनेजर को सीमाओं का उल्लंघन करने और कर्मचारियों पर प्रेशर बनाने की आदत हो गई है। सभी ने भारतीय वर्क कल्‍चर के बारे में शिकायत की और इसे टॉक्सिक कहा। लेकिन टेस्ला जो कर रहा है, वह विषाक्तता से भी एक कदम आगे की चीज है।' कुछ ही देर में ये पोस्ट वायरल हो गई और फिर क्‍या था रेडिट यूजर्स की ओर से कई प्रतिक्रियाएं आने लगीं जिसमें उन्‍होंने अपने अनुभव शेयर किए।

मिले ऐसे जवाब

NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक- एक यूजर ने कहा कि, 'मेरे मैनेजर ने एक बार मुझ पर थर्मामीटर पर रीडिंग गलत बताने का आरोप लगाया था (102 डिग्री बुखार). ' एक अन्य यूजर ने दावा किया, 'एक बार मेरा एक्सीडेंट हो गया था और मेरे घुटने की हड्डी उखड़ गई थी। ध्यान रहे, यह घटना मेरे ऑफिस जाते समय हुई। जब मैंने अपने मैनेजर को बताया, तो उन्होंने मुझे आधे दिन के लिए ऑफिस आने का निर्देश दिया।' तीसरे यूजर ने बताया, 'मेरे दोस्त का मैनेजर उसके घर गया और टीम लीडर को घसीटकर यह जांचने के लिए ले गया कि उसका दोस्त बीमार तो नहीं है, क्योंकि वह सोमवार का दिन था। लीडर असहाय था, क्योंकि मैनेजर उस पर भी साथ चलने का दबाव बना रहा था और आखिरकार उसे झुकना पड़ा। साथ ही, चूंकि मैनेजर के पास पता नहीं था, इसलिए उसने ट्रांसपोर्ट टीम से पता लिया, जो कर्मचारियों को कैब उपलब्ध कराती है। कहने की जरूरत नहीं कि मेरे दोस्त ने एचआर से इसकी शिकायत की।'

ये वाला सुनकर चौंक जाएंगे

वहीं, एक अन्‍य यूजर ने कहा कि, 'उसके मैनेजर ने एक बार उससे पूछा था कि क्या उसे मेन्‍सुट्रुएशन में सचमुच का दर्द होता है। मेरी सहकर्मी से उसके मैनेजर ने पूछा था कि अगर उसे बहुत दर्द न हो तो क्या वह अपनी मेन्‍सुट्रुएशन (मासिक धर्म) की छुट्टी किसी और दिन के लिए टाल सकती है, क्योंकि उनके पास बहुत सारा काम पेंडिंग था और वे उसकी छुट्टी मंजूर नहीं कर सकते थे।' आखिरी में एक यूजर ने चौंकाने वाला एक्‍सपीरिएंस शेयर किया। उसने बताया कि, 'मुझे एक बार एंडोस्कोपी करवाने की ज़रूरत थी और मेरा पूर्व टीम लीडर चाहता था कि मैं प्रक्रिया के दौरान काम करूं, जबकि मुझे यह भी नहीं पता था कि प्रक्रिया कैसे की जाती है।'
(डिस्‍क्‍लेमर: यह खबर वायरल हो रहे दावों और फैक्‍ट्स पर आधारित है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इन दावों की पुष्टि नहीं करता है।)
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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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