Viral News: महिला ने ट्रेन के आर्मरेस्ट पर रखा पैर तो मचा बवाल, सोशल मीडिया यूजर्स ने शिष्टाचार का पढ़ाया पाठ

Viral News: सोशल मीडिया पर काफी कम समय में ही ये फोटो वायरल हो गई। इसे 8,94,000 से ज़्यादा बार देखा गया और इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ यूज़र्स ने इस व्यवहार की आलोचना की।

आर्मरेस्‍ट पर पैर रखे महिला।

आर्मरेस्‍ट पर पैर रखे महिला।

Viral News: सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट इन दिनों बवाल मचा दिया है। इस फोटो ने भारत में नागरिक भावना और सार्वजनिक शिष्टाचार पर बहस छेड़ दी है। इसमें सार्वजनिक स्‍थानों पर व्यक्तिगत आचरण से जुड़ी चिंताओं को उजागर किया गया है। एक एक्‍स यूजर के ट्वीट में ट्रेन के अंदरूनी हिस्से की एक तस्वीर है, जिसमें नीली सीटें दिखाई दे रही हैं। तस्वीर में सीट पर लेटी एक महिला का केवल पैर दिखाई दे रहा है जो आर्मरेस्ट पर टिके हुए हैं। इस अंदाज को सार्वजनिक स्थानों पर अपमानजनक माना जाता है। फोटो के कैप्शन में लिखा है, 'भारत में बुनियादी नागरिक भावना की कमी न तो क्षेत्रीय मुद्दा है और न ही वर्ग का मुद्दा।'

सोशल मीडिया पर काफी कम समय में ही ये फोटो वायरल हो गई। इसे 8,94,000 से ज़्यादा बार देखा गया और इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ यूज़र्स ने इस व्यवहार की आलोचना की, वहीं अन्य ने इसके विपरीत दृष्टिकोण साझा किए, जिससे भारत में नागरिक शिष्टाचार पर गरमागरम बहस छिड़ गई। एक यूजर ने लिखा, 'आपको यह समझना चाहिए कि आम तौर पर लोगों में नागरिक भावना की कमी होती है, चाहे वे किसी भी राष्ट्रीयता के हों। लोग असभ्य, असभ्य, आक्रामक, गंदे होते हैं और पूरी दुनिया में ऐसा करते हैं। लोग यहां-वहां कूड़ा फेंकते हैं, उसे लात मारते हैं, तोड़ते हैं, मैंने देखा है कि अन्यलोग खाने की ट्रे पर अपने बच्चों के डायपर बदलते हैं, वे हवाई जहाज के सामान चुराते हैं और क्या-क्या नहीं करते। मुझे मत बताइए कि आपने लोगों का विमानों में दुर्व्यवहार करते हुए एक भी वीडियो नहीं देखा है।'

सोशल मीडिया पर ही एक और यूजर ने कहा कि, 'यही कारण है कि भारतीयों को अन्य सभी देशों में नीची नजर से देखा जाता है, भारतीयों का सार्वजनिक स्थानों पर आचरण और स्वच्छता का स्तर बहुत खराब है।' तीसरे यूजर ने कहा कि, 'अगर आप टिकट खरीद भी लें तो भी आप सीट के मालिक नहीं होते। आप जो कह रहे हैं, वह आपकी खराब परवरिश और नागरिक भावना और सामाजिक शिष्टाचार की समझ की कमी को दर्शाता है। सार्वजनिक स्थानों को अपना निजी लाउंज मानना गलत है।' चौथे यूजर ने लिखा, 'यह हर जगह है, सिर्फ भारत में ही नहीं। भारतीय दुनिया में सबसे बड़ी नस्ल, जातीयता और राष्ट्रीयता हैं।' वहीं, एक अन्‍य ने लिखा कि, 'भारत में खराब आचरण जीवन का एक तरीका है।'

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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