Video: आजादी से पहले कैसा दिखता था दिल्‍ली का 'कनॉट प्‍लेस', वीडियो देख आंखों पर यकीन नहीं होगा

Viral Video: इंस्‍टाग्राम पर theme_worker1 नामक एक पेज से वीडियो शेयर किया गया है। इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि कनॉट प्‍लेस का ये वीडियो 1938 का है यानी आजादी से पहले का है। टाइम्‍स नाउ नवभारत ऐसे किसी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

1938 में कनॉट प्‍लेस।
मुख्य बातें
  • कनॉट प्‍लेस का सबसे पुराना वीडियो वायरल
  • दावा है कि, कनॉट प्‍लेस का ये वीडियो 1938 का है
  • वीडियो में आप अंग्रेजों की कार और बग्घियां देख सकते हैं
Connaught Place Viral Video: सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस आधुनिक दौर में कुछ भी छिपता नहीं है। चाहे वो समय से आगे की चीज हो या फिर समय से पीछे की ही क्‍यों न हो। अब दिल्‍ली के राजीव चौक यानी कनॉट प्‍लेस को ही ले लीजिए....हाल ही में इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल वीडियो में मार्केट के सफेद पिलर्स को देखकर कोई भी नहीं कहेगा कि ये वीडियो अंग्रेजों के जमाने का है, लेकिन जब आप इस वीडियो में सड़क के चारों ओर नजर दौड़ाएंगे तब आपको पता चलेगा कि वीडियो तो आजादी से पहले के दौर का है। ऐसा इसलिए है कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कनॉट प्‍लेस के पिलर आज भी उसी रंग में और उसी मजबूती से खड़े हैं जिस मजबूती से उस समय खड़े थे।
दरअसल, इंस्‍टाग्राम पर theme_worker1 नामक एक पेज से वीडियो शेयर किया गया है। इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि कनॉट प्‍लेस का ये वीडियो 1938 का है यानी आजादी से पहले का है। टाइम्‍स नाउ नवभारत ऐसे किसी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो की शुरुआत में आप देखेंगे कि एक सरकारी मुलाजिम ट्रैफिक पुलिस की तरह काम कर रहा है। सामने अंग्रेजों की स्‍पेशल कार खड़ी है साथ ही उसी मार्केट में हाथ रिक्‍शा चालक सवारी ढोते हुए भी दिखेगा। इस वीडियो में आपको कनॉट प्‍लेस में कार के अलावा अंग्रेजों के सरकारी कर्मचारी और उनकी बग्घियां भी दौड़ती हुई दिखाई देंगी।
वीडियो को देखने के बाद कई यूजर्स ने इस प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने लिखा कि, 'अंग्रेजों ने बनाया था तभी तो अब तक नहीं गिरा।' दूसरे ने लिखा कि, 'प्रदूषण मुक्‍त दिल्‍ली।' तीसरे यूजर ने मजाक में लिखा कि, 'काश ! मेरे दादा उस वक्‍त एक दुकान ले लेते।' वहीं, एक अन्‍य यूजर ने कहा कि, 'अब तो बस यहां छपरी रील्‍स बनाते घूमते हैं।'
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