Video: होटलों में टिप देने के खिलाफ भारतीय यूट्यूबर ने उठाई आवाज, सोशल मीडिया पर छिड़ी गरमागरम बहस

Viral Video: सोशल मीडिया मंच एक्‍स पर एक यूजर ने न्‍यूयॉर्क में अपनी यात्रा के दौरान रेस्‍तरां के निराशाजनक अनुभव के बारे में बात की है। उन्‍होंने टिपिंग कल्‍चर के खिलाफ आवाज उठाई है।

शख्‍स ने की टिप कल्‍चर की आलोचना।

शख्‍स ने की टिप कल्‍चर की आलोचना।

Viral Video: होटल और रेस्‍तरां में आपने वेटरों को टिप देने की प्रथा देखी होगी। संयुक्त राज्य अमेरिका में रेस्‍तरां आने वाले ग्राहकों से बिल में 10 से 20 प्रतिशत अतिरिक्त टिप जोड़ने की अपेक्षा होती है। हाल ही मेंसंयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर आए एक भारतीय यूट्यूबर ने ये दावा किया है। टिपिंग कल्‍चर की आलोचना के बाद इंटरनेट पर एक गरमागरम बहस छिड़ गई। ईशान शर्मा नामक यूजर ने न्यूयॉर्क के एक रेतरां में अपने निराशाजनक अनुभव को शेयर किया। उन्होंने दावा किया कि $45 यानी 3,800 रुपये के भोजन के लिए उन्होंने $50 दिए जिसके बाद उन्‍हें बाकी बचे पैसे नहीं दिए गए। जब उन्‍होंने पूछा कि, क्‍या ये अनिवार्य है तो उनकी पूछताछ को वेट्रेस ने नज़रअंदाज़ कर दिया। इसके कारण उन्हें इस प्रथा के खिलाफ़ आवाज़ उठानी पड़ी। हालांकि, टाइम्‍स नाउ नवभारत ऐसे किसी दावे की पुष्टि नहीं करता है।

टिप के खिलाफ कहीं ये बातें

यूजर ने न्यूयॉर्क के टिपिंग कल्‍चर को घोटाला करार देते हुए बताया कि, इस दौरान उनके स्‍थानीय मित्र को टिप में ज़्यादा भुगतान करने से मना करने पर शर्मिंदगी महसूस हुई। उन्‍होंने एक्‍स पर लिखा कि, 'न्यूयॉर्क में टिप देना एक घोटाला है! मैं सिर्फ इसलिए अतिरिक्त भुगतान क्यों करूं क्योंकि रेस्तरां न्यूनतम प्रति घंटा वेतन देते हैं? $45 (3800 रुपये) में क्रेप, क्लब सैंडविच और पैनीनी का ऑर्डर दिया। हमने $50 नकद दिए और वेटर ने बाकी पैसे टिप के रूप में ले लिए। मैंने बदले में पैसे मांगे और उसने कहा आपको टिप देनी होगी और चली गई। मैंने पूछा क्या यह अनिवार्य है? और उसने मुझे अनदेखा कर दिया और मेरे दोस्त (एक स्थानीय) को कम से कम 20% टिप न देने के लिए दोषी महसूस हुआ! 20% किस लिए? पागलपन!'

यूजर्स के बीच गरमागरम बहस

इस एक्‍स पोस्‍ट को सह‍मति और असहमति दोनों प्राप्‍त हुई हैं। कुछ यूजर्स ने उनके एक्‍सपीरिएंस पर सहानुभ‍ूति दिखाई और कुछ ने अच्‍छी सेवा की तारीफ में टिप देने का समर्थन किया। एक यूजर ने कहा, 'यूएसए में 15-20% टिप एक प्रचलित सामाजिक रिवाज है। रोम में होने पर रोमनों की तरह ही करें। अगर आपको दृढ़ता से लगता है कि टिप देना गलत है तो बैठने वाले रेस्तरां में खाना ऑर्डर न करें।' दूसरे यूजर ने कहा कि, 'आप ही कारण हैं कि दुनिया भारतीयों के प्रति नस्लवादी हो रही है। घटिया बनना बंद करें।' तीसरे ने कहा कि, 'अगर आप टिप नहीं देना चाहते हैं, तो केवल फास्ट फूड ही खाएं। बैठने वाले रेस्टोरेंट में टिप देना एक प्रथा है। सिर्फ़ सेवा अच्छी होने पर विशेष धन्यवाद के तौर पर नहीं, बल्कि हर बार। ये लोग आपके नौकर नहीं हैं। स्वार्थी हकदार ग्राहकों की सेवा करना कठिन काम है।' चौथे यूजर ने कहा, 'मुझे अमेरिका के बारे में नहीं पता लेकिन क्या टिप देना धन्यवाद कहने के तरीके के रूप में नहीं बल्कि मजबूरी के रूप में दिया जाना चाहिए।' पांचवें यूजर ने कहा, 'हां, यह पागलपन है। वेट्रेस ने शायद आपको मन ही मन कोसा होगा क्योंकि आपने केवल 10% छोड़ा है।'
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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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