Zomato पर सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर निकाली भड़ास, कंपनी ने वापस लिया 'प्‍योर वेज फ्लीट' का फैसला

Zomato Pure Veg Fleet: सोशल मीडिया पर कड़े विरोध के बाद जोमैटो ने 'Pure Veg Fleet' का फैसला बदल दिया है। कंपनी के CEO ने एक्‍स पर मामले पर सफाई दी है। आइए जानते हैं क्‍या था पूरा मामला और अब तक क्‍या-क्‍या हुआ।


जोमैटो ने बदला 'Pure Veg Fleet' का फैसला।

Zomato Pure Veg Fleet: ऑनलाइन फूड डिली‍वरी एप Zomato इन दिनों सोशल मीडिया पर अपनी एक घोषणा को लेकर सुर्खियों में आ गया है। मामला इतना बढ़ गया कि, 12 घंटे के अंदर कंपनी को अपना एक फैसला कड़े विरोध के चलते बदलना पड़ा। पूरी कहानी शुरू होती है, बीते मंगलवार से..जब जोमैटो CEO दीपिंदर गोयल ने एक सुविधा का ऐलान किया। दरअसल, कंपनी ने अपने शाकाहारी कस्‍टमर्स के लिए 'प्योर वेज मोड' की शुरुआत की थी। साथ ही कहा कि, वेज खाने की डिलीवरी करने वाले डिलीवरी बॉय अब से लाल की जगह हरे रंग की टी शर्ट में दिखेंगे और हरे बॉक्‍स में ही फूड डिलीवर करेंगे। जैसे ही उनका ये बयान आया सोशल मीडिया मंच एक्‍स पर #ZomatoPureVeg और #Zomato ट्रेंड करने लगा। इस ट्रेंड के तहत लोगों ने जोमैटा के फैसले का कड़ा विरोध किया।

12 घंटे पहले शुरू की थी सर्विस

जोमैटा ने ने शाकाहारी ग्राहकों की प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए बताया था कि, 'दुनिया में शाकाहारियों की सबसे ज्यादा संख्‍या भारत में है, और उनसे हमें जो सबसे महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मिली है वह यह है कि वे इस बात को लेकर बहुत खास हैं कि उनका खाना कैसे पकाया जाता है, और उनके भोजन को कैसे संभाला जाता है। कई बार ऐसा होता है कि, नॉन वेज खाना बॉक्स में गलती से चला जाता है। उसकी गंध से ग्राहकों को काफी दिक्‍कत होती है। इसलिए उनकी प्राथमिकताओं को ध्‍यान में रखते हुए हमने प्योर वेज फ्लीट शुरू करने का फैसला लिया है।'

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने किया विरोधइस फैसले के तुरंत बाद जोमैटो को कई यूजर्स के गुस्‍से का सामना करना पड़ा। एक यूजर ने कहा कि, 'हमें अपनी सोसाइटी को नहीं बताना कि आज हम वेज खा रहे हैं या नॉन वेज।' वहीं, दूसरे ने कहा कि, 'ऐसे तो फिर आपको उन लोगों के लिए भी फ्लीट चलानी चाहिए जो प्याज लहसुन नहीं खाते।' इसके अलावा तीसरे ने कहा कि, 'ऐसे तो आसानी से पहचान हो जाएगी कहां वेज खाना जा रहा है और कहां नॉनवेज।'

CEO गोयल ने दी सफाई

जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया का धन्‍यवाद देते हुए कहा कि, 'हमें अब एहसास हुआ है कि, हमारे कुछ कस्‍टमर अपने मकान मालिकों के साथ परेशानी में पड़ सकते हैं और अगर हमारे कारण से ऐसा हुआ तो यह अच्छा नहीं होगा।' उन्‍होंने सफाई देते हुए कहा कि, 'प्‍योर वेज फ्लीट की सुविधा उन डिलीवरी एजेंटों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा सकती है जो रेड बॉक्‍स लेकर पहुंचेंगे। हम अपनी सामाजिक जिम्‍मेदारी को समझते हैं और जरूरत पड़ने पर किसी भी समस्‍या को हल करने से पीछे नहीं हटेंगे। मैं प्रॉमिस करता हूं कि, अगर कोई भी निगेटिव चीज सामने आती है तो हम इस तुरंत वापस लेंगे।'

जोमैटो ने वापस लिया फैसलाजोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल फैसले को वापस लेते हुए कहा कि, 'हम वेजिटेरियन ग्राहकों की सेवा करना जारी रखेंगे, लेकिन ग्रीन वर्दी का आदेश वापस लेने का फैसला लिया जा रहा है। हमारे सभी डिलीवरी पार्टनर पहले की तरह ही लाल रंग के ही कपड़े ही पहनेंगे।' उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हालांकि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि लाल कपड़े पहनने वाले डिलीवरी पार्टनर नॉन-वेज खाने से गलत तरीके से जुड़े न हों। हमारे डिलीवरी पार्टनर्स की शारीरिक सुरक्षा हमारे लिए महत्‍वपूर्ण है।

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ए...और देखें

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