Feb 04, 2025
नितिन गडकरी ने पीटीआई-भाषा को दिए इंटरव्यू में बताया कि मंत्रालय एक समान टोल नीति पर काम कर रहा है, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी और टोल संबंधित समस्याओं का समाधान होगा।
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गडकरी ने कहा कि अब भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर है, जो भारतीय सड़क परिवहन की प्रगति को दर्शाता है।
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मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे टोल संग्रह में आसानी होगी।
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गडकरी ने बताया कि मंत्रालय यात्रियों की सोशल मीडिया पर की गई शिकायतों को गंभीरता से लेता है और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
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गडकरी ने स्वीकार किया कि पिछले कुछ वर्षों में टोल शुल्क में वृद्धि हुई है, जिससे यात्रियों में असंतोष बढ़ा है, खासकर अधिक टोल शुल्क और खराब सड़कों के कारण।
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गडकरी के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल यातायात में निजी कारों की हिस्सेदारी लगभग 60% है, लेकिन इन वाहनों का टोल राजस्व में हिस्सा मुश्किल से 20-26% है।
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2023-24 में भारत में टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35% अधिक है। यह वृद्धि पिछले कुछ वर्षों में टोल शुल्क में हुई बढ़ोतरी को दर्शाती है।
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2019-20 में टोल संग्रह 27,503 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 64,809.86 करोड़ रुपये हो गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि टोल संग्रह लगातार बढ़ रहा है।
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गडकरी ने यह भी कहा कि यात्रियों के बीच बढ़ते असंतोष का मुख्य कारण अधिक टोल शुल्क और खराब सड़क की स्थितियां हैं, जिन्हें सुधारने की दिशा में मंत्रालय काम कर रहा है।
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