Sep 11, 2023
G-20 सम्मेलन में भारत-सउदी अरब-यूरोप और अमेरिका ने मिलकर इंडिया यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया है। यह चीन के वन बेल्ट वन रोड का तोड़ है।
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भारत के साथ अमेरिका, सउदी अरब और यूरोप के देशों को एक साथ लाने में भारत के NSA अजीत डोभाल का अहम रोल रहा है।
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चीन के वन रोड वन बेल्ट प्रोजेक्ट के तहत उसकी विस्तारवादी नीति हावी थी। और इसके लिए उसने छोटे देशों को करोड़ों के कर्ज जाल में फंसा दिया ।
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ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इकोनॉमिक कॉरिडोर की नींव साल 2021 में I2U2 सम्मेलन से शुरू हुई। और इसे मूर्त रूप देने में अजीत डोभाल और उनकी टीम लगातार बैक डोर से पूरे प्रोजेक्ट का खाका तैयार करने में लगी रही।
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इकोनॉमिक कॉरिडोर में भारत, यूएई, सउदी अरब, यूरोपीय देश शामिल हैं। और इसके जरिए रेल और शिप नेटवर्क का जाल बिछेगा।
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एक तरफ चीन की इकोनॉमी गर्त में जा रही है। दूसरी तरफ इकोनॉमिक कॉरिडोर से भारत और दूसरे देशों के बीच 40 फीसदी कारोबार में ग्रोथ होने की उम्मीद है।
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अजीत डोभाल की पहचान एक तेज तर्रार जासूस के रूप में रही है। और वह कूटनीति में बेहद माहिर है। डोकलाम से लेकर लद्दाख तक में चीन के खिलाफ उनकी यह कुशलता देखने को मिली है।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग G-20 में न जाकर भारत को झटका देने की सोच रहे थे। लेकिन इंडिया-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर ने पासा ही पलट दिया है।
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