Nov 30, 2024
भारत में पक्षियों की कई प्रजाति पाई जाती है। इनमें से कई पक्षी ऐसे भी हैं, जो कि किसानों को खेती में मदद करते हैं।
Credit: Canva
ये पक्षी मिट्टी की पोषक क्षमता बढ़ाने से लेकर उसे उपजाऊ बनाने और बीज फैलाने में भी काम आते हैं।
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कई पक्षी फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों और कीटों को खाते हैं, जिससे रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो जाती है।
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वहीं, कुछ पक्षी कीड़े की तलाश में मिट्टी खोदते हैं, जिससे मिट्टी की पोषक क्षमता बेहतर होती है।
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गौरैया को विभिन्न कृषि कीटों जैसे कि एफिड्स, कैटरपिलर, टिड्डे और बीटल को खाने के लिए जाना जाता है।
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उल्लू चूहों के प्राकृतिक शिकारी होते हैं, जो कि कृषि क्षेत्रों में आम है। इनको खाकर उल्लू फसल के नुकसान को कम करने में मदद करते हैं।
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भारत के कुछ क्षेत्रों में कीट नियंत्रण के लिए बाजों का उपयोग किया जाता है। उन्हें कबूतर, कौवे और तोते जैसे पक्षियों का शिकार करने और डराने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
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बगुले जुताई और कटाई के दौरान ���ैदा होने वाले कीड़े-मकौड़ों और अन्य छोटे जीवों को खाते हैं। ये मछली वाले तालाब के आस-पास के कृषि क्षेत्रों के लिए फायदेमंद होते हैं।
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किंगफिशर जल निकायों वाले कृषि क्षेत्रों में मच्छरों और छोटी मछलियों जैसे कीटों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जो फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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