Jul 14, 2023
चंद्रयान-3 मिशन पर पूरी दुनिया की नजर है। अगर भारत सफल हो जाता है तो वह दुनिया के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।
Credit: isro
चंद्रयान-3 मिशन इसलिए भी खास है कि क्योंकि अमेरिका और रूस के मून मिशन की लैडिंग दक्षिणी ध्रुव में नहीं हुई है। चंद्रयान-3 ऐसा करने वाला पहला मिशन होगा।
Credit: isro
अमेरिका का अपोलो मिशन-17 आखिरी मून मिशन था। और 1969-1971 के बीच करीब एक अरब डॉलर का खर्च आया था।
Credit: nasa
चीन के चेंज-4 मून मिशन की लागत 1.2 अरब युआन यानी करीब 1400 करोड़ रुपये का खर्च आया था।
Credit: AP
चंद्रयान-3 को बनाने की लागत 615 करोड़ रुपये आई है।
Credit: isro
चंद्रयान अगस्त में चंद्रमा पर लैंड कर सकता है। उसे चांद तक सफर पूरा करने में 45-48 दिन लगेंगे।
Credit: isro
असल में चंद्रयान-3 में लगा इंजन अपोलो मिशन जितना ताकतवर नहीं है। कम ताकत का इंजन लगाने से लागत भी कम हुई है।
Credit: isro
चंद्रयान-3 चंद्रमा तक पहुंचने में पृथ्वी की गुरूत्वाकर्षण शक्ति का इस्तेमाल करेगा।
Credit: isro
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स