100 देशों का 'RBI' था ये शख्स, छापता रहा डॉलर, पाउंड, रियाल समेत ये करेंसी

Kashid Hussain

Apr 2, 2024

​करेंसी नोट​

आम तौर पर किसी भी देश के करेंसी नोट वहां का केंद्रीय बैंक छापता है। भारत में ये जिम्मेदारी आरबीआई की है

Credit: De-La-Rue/Social-Media

​दे ला रू​

मगर एक कंपनी ऐसी है, जो 70 देशों की करेंसी छापती है। ये है ब्रिटेन की 'दे ला रू'। ये कई देशों के स्टांप पेपर भी छापती है

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इन्फोसिस का शेयर गिरा

​ पासपोर्ट, चेकबुक और डाक टिकट​

इसकी ब्रिटेन में कई फैक्ट्रियां हैं, जहां ये सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स, पासपोर्ट, चेकबुक और डाक टिकट भी छापती है

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​थॉमस दे ला रू​

थॉमस दे ला रू ने 1821 में एक छोटा छापाखाना खोलकर कंपनी की शुरुआत की थी। आज इसका हेडक्वार्टर ही कई एकड़ में फैला है

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​ 1955 में मॉरीशस की करेंसी छापी​

इसे सबसे पहले 1955 में मॉरीशस और फिर ईरान की करेंसी छापने का ऑर्डर मिला। 2003 तक ये करीब 100 देशों यानी आधी दुनिया के करेंसी नोट छापने लगी थी

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​ब्रिटिश पाउंड और कतर का रियाल​

कंपनी ने डॉलर, ब्रिटिश पाउंड और कतर के रियाल तक छापे हैं

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​एडवांस्ड करेंसी प्रिंटिग टेक्नोलॉजी​

मगर एडवांस्ड करेंसी प्रिंटिग टेक्नोलॉजी आने से अब बहुत से देश खुद ही अपनी करेंसी छापते हैं

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​2023 में रेवेन्यू​

फिर भी 70 देश इसी से अपनी करेंसी छपवाते हैं, जिनमें अधिकतर छोटे अफ्रीकी देश हैं। 2023 में इसका रेवेन्यू करीब 3656 करोड़ रु रहा

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​ताश के पत्ते छापे​

कंपनी ने शुरुआत में ताश के पत्ते छापे। फिर 1855 में स्टांप टिकट छापने शुरू किए। इस कंपनी को आज भी एक ही परिवार चलाता है

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