'नोटबंदी' से लेकर 'Digital Transaction'तक क्या बदला

रवि वैश्य

Nov 8, 2022

नोटबंदी को लागू हुए 6 साल बीत गए

छह साल बीत जाने के बाद भी इसके फायदे-नुकसान को लेकर बहस जारी है

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500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से हुए बाहर

पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों का प्रचलन बंद किया

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ब्लैक मनी और करप्शन पर अंकुश लगाने की कवायद!

इकोनॉमी में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से ये कदम

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भारत को 'कम नकदी' वाली अर्थव्यवस्था बनाना था

नोटबंदी के इस कदम का उद्देश्य भारत को 'कम नकदी' वाली अर्थव्यवस्था बनाना था

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नोटबंदी के बाद तेजी से बढ़ा डिजिटल लेनदेन का चलन

डिजिटल लेनदेन ने सुरक्षा के साथ-साथ सुविधा भी बढ़ाई है ऐसा कहा जाता है

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डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए सामने आई तमाम कंपनियां

पेटीएम, गूगल पे, यूपीआई, फोन पे जैसी कई कंपनियों के प्लेटफार्म मौजूद

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लोग अब वह पेटीएम और गूगल पे, फोन पे को याद रखते हैं

डिजिटल ट्रांजैक्शन आसान है और इसमें कैश कैरी करने का कोई बंधन भी नहीं

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QR कोड स्कैन करते ही हो जाता है लेन देन

अब कैश साथ रखने का झंझट नहीं, बस आपके अकाउंट में होने चाहिए पैसे

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कई डिजिटल ट्रांजेक्शन कंपनियां देती हैं कैशबैक

डिजिटल ट्रांजैक्शन का एक फायदा ये कि मिलता है आपको कैशबैक

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डिजिटल क्रांति के दौर में अब रुपया भी डिजिटल हो चुका है

रिजर्व बैंक 1 नवंबर से Digital Currency यानी ई-रुपया की शुरुआत कर दी

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