GNSS और Fastag में क्या है अंतर, जानें कैसे बदलेगा हाईवे का सफर

Kashid Hussain

Sep 11, 2024

​टोल टैक्स का नया सिस्टम ​

फास्टैग के बाद अब टोल टैक्स के लिए एक नया सिस्टम आ गया है, जिससे टोल प्लाजा की जरूरत नहीं रहेगी

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​ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम​

ये नया सिस्टम है जीपीएस आधारित जीएनएसएस (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम), जिसमें टोल सैटेलाइट के जरिए वसूला जाएगा

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21000 से बने 33.83 लाख करोड़

​कमर्शियल गाड़ियों पर लागू ​

अभी सैटेलाइट से टोल लेने वाला सिस्टम केवल कमर्शियल गाड़ियों पर लागू होगा। सरकार ने जीएनएसएस से लैस वाहनों को खास छूट भी दी है

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​20 किमी पर कोई टोल टैक्स नहीं​

जीएनएसएस वाले वाहनों के मालिकों से हाईवे और एक्सप्रेसवे पर डेली 20 किमी तक के सफर पर कोई टोल नहीं लिया जाएगा

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​इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम ​

जबकि फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम है, जिसमें टोल चार्ज ऑनलाइन चुकाया जाता है

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​किया जा चुका ट्रायल ​

जीएनएसएस टोल सिस्टम का कर्नाटक में एनएच-275 के बेंगलुरु-मैसूर सेगमेंट और हरियाणा में एनएच-709 के पानीपत-हिसार सेगमेंट पर ट्रायल किया जा चुका है

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​ऑन-बोर्ड यूनिट्स​

जीएनएसएस सिस्टम के तहत गाड़ियों में ऑन-बोर्ड यूनिट्स (OBU) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) लगा होगा

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ऐसे कटेगा टोल

ये फास्टैग से अलग होगा। जब कोई गाड़ी किसी हाईवे पर जहां एंटर होगी और जहां एग्जिट होगी, उसी आधार पर टोल कट जाएगा

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