ISRO का वैज्ञानिक बना किसान, स्पेशल खजूरों से कमा रहा 6 लाख

Kashid Hussain

Dec 12, 2023

​चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग​

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद ISRO और उसके वैज्ञानिक देश में हीरो बन गए हैं

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​दिवाकर चन्नप्पा​

मगर इसरो के वैज्ञानिक सिर्फ साइंस की दुनिया तक सीमित नहीं। इसरो के वैज्ञानिक 'दिवाकर चन्नप्पा' जैविक खेती में काफी फेमस हो गए हैं

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​2009 में खेती में कदम रखा​

दिवाकर इनोवेटिव ऑर्गेनिक खजूरों के लिए मशहूर हो गए। सोशल वर्क में मास्टर डिग्री रखने वाले दिवाकर ने 2009 में खेती में कदम रखा

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एसजे लॉजिस्टिक्ट का जीएमपी

​कृषि की तरफ झुकाव​

कृषि की तरफ उनका झुकाव मासानोबू फुकुओका की किताब "वन स्ट्रॉ रेवोल्यूशन" थी, जो रासायनिक कृषि को छोड़ने की वकालत करती है

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​4.5 लाख रुपये का निवेश​

दिवाकर ने 2009 में 150 बरही खजूर के पौधों के लिए 4.5 लाख रुपये का निवेश किया। ये पौधे 2.5 एकड़ भूमि पर थे। इससे उनकी जैविक खेती शुरू हुई

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​पहली फसल 650 किलो​

उनकी कोशिश 2013 में रंग लाई, जब पहली फसल 650 किलो की हुई, जो 375 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकी

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हर पौधे से 50 किलो खजूर मिली​

इस साल उन्हें खेत में मौजूद 100 से अधिक पौधों में हर एक से लगभग 45 से 50 किलो जैविक बरही खजूर मिली

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​350 रु प्रति किलो पर बिकी​

सीजन की उपज 4.2 टन रही, जो खेत में 310 रुपये प्रति किलोग्राम और बेंगलुरु में होम डिलीवरी के लिए 350 रु प्रति किलो पर बेची गई

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​6 लाख रुपये का प्रॉफिट​

योर स्टोरी के अनुसार इससे उन्हें खर्च निकालने के बाद लगभग 6 लाख रुपये का शुद्ध लाभ है

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