Mar 4, 2024
ज्यादातर शादी के बाद फाइनेंशियल प्लानिंग को शुरूआती दौर में तरजीह नहीं देते या फिर उनका रवैया सिंगल जैसा रहता है।
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लेकिन शादी के बाद न केवल लाइफ बदलती है बल्कि आर्थिक जिम्मेदारियां और जरूरतें भी बदलती हैं।
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शादी के बाद वर और वधू को एकला चलो की पॉलिसी छोड़ संयुक्त प्लानिंग और फाइनेंशियल लक्ष्य तय करने पर फोकस करना चाहिए।
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कपल को फ्यूचर फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म प्लानिंग के लिए काम करना चाहिए।
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किसी भी इमरजेंसी में पैसे की दिक्कत न हो इसके लिए कपल को कम से कम 6-7 महीने के लिए इमरजेंसी फंड जरूर रेडी रखना चाहिए।
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शादी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस में पार्टनर को शामिल करने से लेकर टर्म इंश्योरेंस आदि जरूर करना चाहिए।
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इसी तरह घर, कार, विदेश यात्रा की प्लानिंग है तो इसके लिए लक्ष्य तय करें और उसके अनुसार सेविंग शुरू करें।
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कम समय में ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो एसआईपी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि निवेश से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।
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