Feb 16, 2024

सर्फ़ वाली ललिता जी याद हैं, जादू ऐसा कि महंगे दाम पर डिटर्जेंट खरीदते थे लोग

Ashish Kushwaha

​कविता चौधरी​

दूरदर्शन के मशहूर धारावाहिक ‘उड़ान’ में पुलिस अधिकारी ‘कल्याणी’ की भूमिका निभाने वाली कविता चौधरी का गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

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​ ललिता जी के रूप में पहचान मिली ​

वह 67 वर्ष की थीं। कविता को 1980 के दशक के अंत में टेलीविजन में दिखाए जाने वाले सर्फ के विज्ञापन के जरिए घर-घर में गृहिणी ललिता जी के रूप में पहचान मिली थी।

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सर्फ़ को ब्रांड की तरह स्थापित करने में थी चुनौती

उस समय महंगे सर्फ़ को ब्रांड की तरह स्थापित करने में चुनौती ज्यादा थी, इसलिए दिग्गज एलेक पद्मसे को चुना गया था कि वह अपनी क्रिएटिविटी दिखाएं।

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​ललिता जी नाम का एक कैरेक्टर गढ़ा​

ऐसे में सर्फ ने खुद की पहचान बनाने के लिए ललिता जी नाम का एक कैरेक्टर गढ़ा और एक उस आम भारतीय गृहणी तक इसे पहुंचा दिया जो हर चीज को तोल-मोलकर लेती है, फिजूल का चवन्नी भी नहीं खर्चती।

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​आज भी ललिता जी की कहानी भारत की आम कहानी​

पद्मसे ने आम आदमी की कहानी को इतने सरल अंदाज में विज्ञापन में पेश किया कि कई दशकों बाद, आज भी ललिता जी की कहानी भारत की आम कहानी लगती है।

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​निरमा को पछाड़ा​

इसके बाद महंगा सर्फ़ फिर तो निरमा को पछाड़कर भारत का न सिर्फ नंबर वन डिटर्जेंट बना बल्कि वह डिटर्जेंट पाउडर का पर्याय ही बन गया।

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​ डिटर्जेंट का मतलब सर्फ़ समझने लगे लोग​

लोग डिटर्जेंट का मतलब सर्फ़ समझने लगे। जादू ऐसा चढ़ा कि निरमा खरीदने के लिए भी लोग दुकानदारों से निरमा सर्फ़ मांगने लगे।

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सर्फ नाम बना ब्रांड

छोटे शहरों में आज भी लोग एरियल सर्फ़, रिन सर्फ़ या फेना सर्फ़ मांगते दिख जाएंगे। जबकि रिन, एरियल और फेना ललिता जी के किरदार से जन्मे सर्फ़ के प्रतिद्वंदी हैं।

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