Nov 9, 2024
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन स्वर्गीय रतन टाटा ने 10,000 करोड़ रुपये की वसीयत छोड़ी है।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शांतनु नायडू को वसीयत में उनके कुत्ते, रसोइए, नौकर जैसे कई नाम शामिल हैं।
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रतन टाटा ने अपनी वसीयत में उन सभी लोगों के नाम भी लिखे हैं, जिन्होंने कई सालों तक उनकी सेवा की है।
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रतन टाटा के रसोइए राजन शॉ जिन्होंने सालों तक टाटा की देखभाल की है। उन्हें उनके जर्मन शेफर्ड टीटो की देखभाल का जिम्मा सौंपा गया है।
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रतन टाटा अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान शांतनु नायडू और अपने परिवार के सदस्यों के लिए नहीं, बल्कि सुब्बैया के लिए डिजाइनर कपड़े खरीदते थे।
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तीन दशकों से उनके नौकर रहे सुब्बैया (Subbiah) को भी आर्थिक सहायता मिली है। सुब्बैया नौकर ही नहीं भरोसेमंद साथी भी थे।
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टाटा ने हमेशा सुब्बैया के लिए प्रशंसा दिखाई थी, अक्सर अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से उन्हें डिजाइनर कपड़े लाकर देते थे।
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रतन टाटा की प्रॉपर्टी का एक बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को दिया गया है।
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शांतनु नायडू, टाटा के करीबी सहयोगी और मित्र थे, टाटा ने नायडू के वेंचर, गुडफेलो, एक कंपनी को सपोर्ट किया और बाद में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी गिफ्ट में दे दी। एजुकेशन लोन को माफ कर दिया।
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