Dec 18, 2024
सरकारी नीतियों के लिए कर्ज लेना और ग्रोथ तेज करने में उसका इस्तेमाल करना सामान्य बात है
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भारत सरकार भी ग्रोथ के लिए खर्च बढ़ा रही है ताकि प्राइवेट इंवेस्टमेंट बढ़े। मगर इससे देश पर विदेशी कर्ज भी बढ़ रहा है
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वर्ल्ड बैंक की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार 2010 से 2023 तक भारत पर विदेशी कर्ज दोगुने से ज्यादा हो चुका है
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2023 के अंत तक भारत का कुल एक्सटर्नल डेट 646.8 अरब डॉलर हो गया, जो 2022 के अंत तक 615.5 अरब डॉलर और 2010 में 290.4 अरब डॉलर था
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इस कर्ज पर ब्याज भी चुकाया जाता है। 2023 में भारत ने कर्ज पर 22.5 अरब डॉलर (1.91 लाख करोड़ रु) का ब्याज चुकाया
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2022 में ब्याज का आंकड़ा 15.1 अरब डॉलर (1.28 लाख करोड़ रु) और 2010 में 4.6 अरब डॉलर (39063 करोड़ रु) था
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भारत पर जितना विदेशी कर्ज है, उसमें से 77 फीसदी लंबी अवधि का है। बाकी छोटी अवधि का कर्ज है
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भारत ने एक तिहाई कर्ज वर्ल्ड बैंक जैसे Multilateral Institutions से लिया है। देशों में सबसे अधिक कर्ज जापान का है, जिससे कुल कर्ज का 11% लिया गया है
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