Jul 26, 2023
कारगिल युद्ध के परमवीर चक्र से सम्मानित 4 नायकों में कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज कुमार पांडेय, नायब सूबेदार योगेन्द्र सिंह यादव और राइफलमैन संजय कुमार शामिल हैं।
Credit: Twitter/nationalwarmemorial
परमवीर चक्र से सम्मानित नायकों की बहादुरी की कहानी तो आपने सुनी ही होगी। पर 1999 में हुए कारगिल युद्ध के समय सैनिकों की सैलरी कितनी थी शायद ही जानते होंगे।
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कारगिल के पहले 1996 में पांचवा वेतन आयोग लागू हुआ था इसी आधार पर हम आज आपको सैलरी स्ट्राक्चर बता रहे हैं
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पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसी स्थिति शुरू होने के बाद, कैप्टन विक्रम बत्रा को कारगिल में तैनात किया गया था। सुरक्षा की परवाह किए बिना उनकी प्रेरणा से टीम आगे बढ़ती रही और दो ग्रेनेड फेंककर मशीन गन पोस्ट को उड़ा दिया।
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उस समय कैप्टन रैंक पर, पे स्केल 9600-11,400 रुपये के बीच में मिलता था, इसके अलावा रैंक पे 400 रुपये था।
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कैप्टन मनोज कुमार पांडे कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन पर टूट पड़े और अपने सैनिकों को भी बहादुरी दिखाने के लिए प्रेरित किया। दो दुश्मन सैनिकों को मार गिराकर प्वाइंट पर कब्जा कर लिया था।
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नायब सूबेदार योगेन्द्र सिंह यादव को बर्फ से ढकी चट्टान की चोटी पर पहुंचना था। इस दौरान कमर और कंधे पर गोलियां लगीं। इसके बावजूद चार पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया।
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नायब सूबेदार में तीन तरह के ग्रुप थे, इसमें x ग्रुप को 5,770-8,290 रुपये, y ग्रुप को 5,620-8,140 रुपये, Z ग्रुप को 5,200-7,150 रुपये का पे स्केल मिलता था।
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राइफलमैन संजय कुमार को दुश्मन के हमले के सामने धैर्य, वीरता और दृढ़ संकल्प का असामान्य प्रदर्शन दिखाने के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
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Sepoy में भी तीन तरह के ग्रुप थे, इसमें x ग्रुप को 3,600-4,650 रुपये, y ग्रुप को 3,250-4,300 रुपये, Z ग्रुप को 3,050-3,875 रुपये का पे स्केल मिलता था।
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