ऐसे काम करते थे मुगलों के 'AC', बिना बिजली के रहती थी जबरदस्त कूलिंग

Kashid Hussain

Jul 30, 2024

​मुगलों का दौर​

मुगलों का दौर अपने आर्किटेक्चर के लिए बहुत फेमस है। इस आर्किटेक्चर में कूलिंग के लिए बनाए गए स्ट्रक्चर भी शामिल हैं

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​ हरियाली और पानी​

मुगल अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के आसपास मौसम को नियंत्रित करने के लिए दो चीजों पर ध्यान देते थे - हरियाली और पानी

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​फव्वारे और बड़े पूल​

पानी से ठंडक करने के लिए फव्वारे और बड़े पूल बनाए जाते। वाष्पीकरण के जरिए ये चीजें हरियाली की मदद से हवा को ठंडा करती थीं

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​वेंटिलेशन के लिए झरोखे​

महलों में वेंटिलेशन के लिए झरोखे बनाए जाते थे। झरोखों का काम पूरी इमारत में ताजी हवा पहुंचाना और सीधी धूप से बचाना होता था

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​बड़े और खुले आंगन​

मुगल इमारतों के स्ट्रक्चर्स डिजाइन में बड़े और खुले आंगन और हरे-भरे बाग बनाए जाते थे। इनसे वातावरण काफी ठंडा रहता था और इमारतों में ठंडी हवा जाती थी

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मोटी दीवारें और ऊंची छतें

किलों और महलों की दीवारों को मोटा बनाया जाता था ताकि वे गर्मी को कम करें। छतें ऊंची रखी जाती थीं ताकि घुटन न हो

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​छाया वाले स्ट्रक्चर​

किलों-महलों में गुंबद, हवा के लिए जालीदार मंडप और छाया अधिक हो ऐसे स्ट्रक्चर बनाए जाते थे

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​उस्ताद अहमद लाहौरी​

मुगलों के दौर की कई चीजें शाहजहाँ के समय बनीं। शाहजहां के आर्किटेक्ट थे उस्ताद अहमद लाहौरी, जिन्हें बादशाह से तब 1000 रुपये वेतन मिलता था

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