Nov 18, 2024

कैसे करें बथुआ साग की खेती? जानिए आसान तरीका

Ramanuj Singh

सर्दियों में बाजार में आता बथुआ साग

सर्दियों का मौसम में हरी सब्जियों की बहार आ जाती है, मेथी, पालक,सरसों के अलावा बथुआ साग की भी खूब बिक्री होती है।

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आइए जानते हैं बथुआ खेती कैसे करें?

बथुआ में औषधीय गुणों को देखते हुए बाजार में इसकी डिमांड बढ़ जाती है। इसमें रोग प्रतिरोध क्षमता पाई जाती है, कई समस्याओं को भी दूर करता है। आइए जानते हैं इसकी खेती कैसे की जाती है।

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बथुआ की सैकड़ों वेरायटी

दुनिया भर में बथुआ की करीब 250 प्रजातियां होती हैं। भारत में करीब 8 किस्में पाई जाती हैं।

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ठंड में होती है बथुआ की खेती

बथुआ की खेती ठंड के मौसम में ही की जाती है। अक्टूबर में बुवाई करना उचित होता है।

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ऐसी मिट्टी उपयुक्त

बथुआ के खेती के लिए बलुई दोमट और दोमट मट्टी सबसे उपयुक्त होती है।

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खेतों की 2-3 बार जुताई करें

बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें और प्रति हेक्टेयर 5-6 टन गोबर की खाद डालें।

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गोबर के खाद का इस्तेमाल करें

बथुआ के बीज बहुत छोटे होते हैं, इसलिए इसे गोबर की खाद में मिलाकर भी बो सकते हैं।

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इतनी जमीन में इतने बीज की जरुरत

एक हेक्टेयर खेत के लिए बथुआ के एक से डेढ़ किलो बीज की जरुरत होती है।

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सितंबर से मार्च तक कर सकते हैं बुवाई

बथुआ की बुवाई सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर मार्च के पहले सप्ताह तक की जा सकती है।

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3 से 4 बार सिंचाई की जरुरत

बुवाई से लेकर फसल काटने तक की अवधी के दौरान सिर्फ 3-4 बार सिंचाई की जरुरत होती है।

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40 से 45 दिनों में कर सकते हैं कटाई

बथुआ की बुवाई के 40-45 दिनों बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

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कुछ दिनों में कर सकते हैं दूबारा कटाई

हर 12 से 15 दिन के बाद आप बथुआ के पत्तों को काट सकते हैं, फूल आने तक कटाई करें।

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