Mar 29, 2025
केमिकल से उगाए गए करेले की पहचान करना मुश्किल है, इसलिए अपने खेत या घर के आसपास करेले उगाना एक अच्छा विकल्प है।
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किसी भी फसल को उगाने से पहले सही बीज का चयन बेहद महत्वपूर्ण है। इसे आप बीज भंडार से या किसानों से ले सकते हैं।
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अगर आप केमिकल मुक्त करेला उगाना चाहते हैं तो प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें। गाय या भैंस के गोबर से जैविक खाद बनाई जा सकती है।
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अगर गोबर नहीं मिल रहा है, तो किचन के अवशेषों (फल-सब्जी के पत्ते) को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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करेले के बीज को मिट्टी में 3-4 इंच गहरा लगाना चाहिए। बीज ज्यादा ऊपर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे पौधा कमजोर हो सकता है।
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करेले के बीज लगाने के बाद, पौधों को एक से दो मग पानी देना चाहिए। अधिक पानी देने से बचें।
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एक महीने बाद, गमले में एक लकड़ी लगा दें, जिससे करेले की लतर ऊपर चढ़ेगी और फल जमीन पर नहीं गिरेगा।
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करीब दो से तीन महीने बाद पौधे से करेला निकलने लगता है, जिसे तोड़ा जा सकता है।
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करेले में फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
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करेले के रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण साफ, स्वस्थ त्वचा बनाए रखने में मदद करते हैं, और यह बालों को भी पोषण देता है।
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