Nov 19, 2024
सबसे पहले पपीता के फलों से बीज निकाल कर सुखा लें और पौधे को बढ़ने के लिए उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है और यह मिट्टी से बहुत सारे पोषक तत्व लेता है। मिट्टी में बीज डालने से पहले खेतों या प्लॉट में इसका ध्यान रखें।
Credit: canva
पपीते के पौधों को पूरी धूप की जरूरत होती है, इसलिए ऐसे खेत या प्लॉट में पपीते के पौधों को लगाना चाहिए जहां उचित मात्रा में रोजाना कम से कम 6 से 8 घंटे सीधी धूप मिले।
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पपीते के पौधे को बहुत पानी की जरुरत होती है और मिट्टी को लगातार नम रखने की जरुरत होती है, इसलिए जड़ को सुखने न दें, लेकिन सावधान रहें क्योंकि बहुत ज्यादा पानी से पौधे सड़ भी सकते हैं।
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कीटों से बचने के लिए पौधे पर नीम की टिकिया या गोबर छिड़कें और जब फल लगने का समय हो तो मिट्टी में खाद डालें।
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पपीता एक ऐसा पौधा है जो पूरे साल फल देता है। लेकिन रोपण का सबसे अच्छा समय शरद ऋतु अक्तूबर-नवंबर है। इस समय रोपाई करें तो गर्मियों में उत्पादन अधिक होगा।
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पपीता का पौधा बहुत तेजी से बढ़ता है। इसलिए, छंटाई एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और पौधे को मुख्य तने तक वापस ट्रिम करने की जरुरत होती है।
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जैसे-जैसे पपीते का पेड़ बढ़ता है, उसे गिरने से बचाने के लिए सहारे की जरूरत होती है क्योंकि यह लंबा होता है। पेड़ को सुरक्षित रूप से बांधने के लिए एक खूँटी या लकड़ी की छड़ी का उपयोग करें।
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अगर आपके पास जगह की कमी है, तो बौने पपीते की किस्मों को उगाने पर विचार कर सकते हैं।
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अगर आपके पास फल देने वाला पपीते के पेड़ हैं, तो आपको छह महीने से एक साल के भीतर पके हुए पपीते मिल जाने चाहिए। गौर हो कि कोई-कोई पपीता का पेड़ फल नहीं देता है।
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एक पपीता का पौधा 5 साल तक जीवित रहता है। पपीता के पेड़ 5 साल तक फल दे सकते हैं।
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