Dec 2, 2023
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। ये भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा जो पूरी तरह सूरज की रौशनी से चलेगा।
Credit: UPEIDA
इसके लिए सरकार 1700 हेक्टेयर जमीन पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी की है इससे करीब 550MW सोलर पावर पैदा की जाएगी।
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पिछले साल ही चालू हुए एक्सप्रेसवे के किनारे सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों, आस-पास के घरों को बिजली और यात्रियों के लिए लाइटिंग की व्यवस्था करेंगे।
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करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत से 296 किमी लंबे चार लेन वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को छह लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसे करीब 1500 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है।
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उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) द्वारा विकसित यह बुंदेलखंड रीजन को इटावा के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ता है।
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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सात जिलों से गुजरते हुए चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास गोंडा गांव में NH-35 से लेकर इटावा के कुदरैल गांव के पास तक फैला है।
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इसे सोलर पावर एक्सप्रेसवे में बदलने के लिए राज्य सरकार ने 1,700 हेक्टेयर जमीन की पहचान की है. दो लेन के बीच 20 मीटर के अंतराल पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
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पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत इस पर काम करने वाली कंपनियों में टोरेंट पावर,टस्को, सोमाया सोलर सॉल्यूशंस जैसी कंपनियों ने रुचि दिखाई है।
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