Sep 7, 2023
आपने कोहिनूर के हीरे के बारे में बहुत सुना होगा, जो आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में कोल्लूर खदान से निकला था
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मगर क्या आप कोहिनूर का मतलब जानते हैं। अगर नहीं जानते तो आज हम आपको इसका सही अर्थ बताएंगे
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यह हीरा मुगलों से होता है नादिर शाह के जरिए ईरान गया, फिर अफगानिस्तान पहुंचा और वहां के राजा शुजाशाह ने महाराजा रणजीत सिंह को इसे लौटा दिया
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बाद में इस हीरे नायाब हीरे को अंग्रेज ले गए और आज भी यह इंग्लैंड में ही है
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मुगलों तक इस हीरे को मीर जुमला ने पहुंचाया था, जो ईरानी कारोबारी था और गोलकुंडा में हीरों का व्यापार करता था
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मगर मीर जुमला ने इस हीरे का नाम नहीं रखा था। इस हीरे को कोहिनूर नाम दिया था ईरानी बादशाह नादिर शाह ने
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उसने इस हीरे का नाम अपनी भाषा यानी फारसी में रखा। कोहिनूर फारसी का शब्द है
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असल में इस शब्द में तीन शब्द छिपे हैं - कोह-इ-नूर
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कोह का मतलब है पहाड़ और नूर यानी रोशनी और 'इ' यानी का, जो कि कोह यानी पहाड़ और नूर यानी रोशनी को जोड़ता है
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यानी कोहिनूर का मतलब है बनता है ''रोशनी का पहाड़''। ऑरोस ज्वेल्स के अनुसार आज कोहिनूर की वैल्यू करीब 1.64 लाख करोड़ रु है
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