Jan 8, 2024
मालदीव के मंत्रियों ने जिस तरह भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है, उससे साफ कि वह चीन के गोद में खेल रहा है।
Credit: bccl/twitter
मंत्रियों ने यहां तक कह दिया कि भारत मालदीव जैसी सुविधाएं पर्यटकों को नहीं दे सकता है।
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मालदीव इकोनॉमी बेहद छोटी सी है। उसकी जीडीपी करीब 5 अरब डॉलर है। यानी केवल 40 हजार करोड़ रुपये,उसमें भी वह कर्ज में डूबा हुआ है।
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मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 97 अरब डॉलर है। यह इतनी दौलत है कि करीब 18-19 मालदीव खरीदे जा सकते हैं।
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गौतम अडानी की दौलत भी इस समय 94 अरब डॉलर से ज्यादा है। वह भी इसी तरह 18 मालदीव जैसे देश खरीद सकते हैं।
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भारत ने कोरोना के समय वैक्सीन से लेकर सुरक्षा, वित्तीय मदद से लेकर जरूरी सहयोग मालदीव को हमेशा दिया है। सबसे ज्यादा पर्यटक भी भारत से मालदीव जाते हैं।
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ओआरएफ की रिपोर्ट के अनुसार मालदीव के ऊपर उसके कुल सॉवरेन कर्ज का 60 फीसदी चीन का हिस्सा है। उस पर चीन का करीब 1.5-3 अरब डॉलर तक कर्ज है। चीन के चंगुल में फंस चुका है।
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जिस तरह मालदीव की हरकत के बाद भारतीयों ने प्रतिक्रिया दी है, उससे लगता है कि लक्षद्वीप नया विकल्प बनेगा।
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