इन दो महिलाओं का कर्जदार है TATA का साम्राज्य, कभी न बन पाता इतना बड़ा

Kashid Hussain

Jul 9, 2024

​नवाजबाई टाटा​

रतन टाटा की दादी थीं नवाजबाई टाटा, जो टाटा संस की पहली महिला डायरेक्टर थीं

Credit: Tata-Trusts/X

​रतन टाटा ट्रस्ट की चेयरपर्सन​

1932 में नवाजबाई सर रतन टाटा ट्रस्ट की चेयरपर्सन भी बनीं। उन्होंने ट्रस्ट के संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग किया

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HAL के शेयर का टार्गेट

​कई क्षेत्रों में कई इनिशिएटिव शुरू किए​

उन्होंने गरीबी कम करने और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई क्षेत्रों में कई इनिशिएटिव शुरू किए

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​रतन ने विरोध किया​

नवाजबाई ने रतन को सम्मान के साथ जीना सिखाया। रतन के पिता उन्हें आर्किटेक्ट बनाना चाहते थे, मगर रतन ने इसका विरोध किया

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​दादी का सपोर्ट मिला​

इस विरोध में उन्हें अपनी दादी का सपोर्ट मिला। फिर रतन ने फैमिली बिजनेस ग्रुप संभाला और उसे नई उंचाइयों तक पहुंचाया

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​मेहरबाई टाटा​

रतन के दादा थे रतनजी टाटा, जिनके भाई दोराबजी की पत्नी थीं मेहरबाई टाटा, जिन्होंने एक बार टाटा स्टील को बचाया था

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​टाटा स्टील के सामने वित्तीय संकट ​

मेहरबाई ने टाटा स्टील को बचाने के लिए अपना 245 कैरेट का जुबली डायमंड गिरवी रख दिया था। तब टाटा स्टील के सामने वित्तीय संकट आया था

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हीरे को गिरवी रखा

उस समय टाटा स्टील को TISCO कहा जाता था। हीरे को गिरवी रखकर मिली रकम से TISCO का संकट दूर हो गया था और कंपनी ने बाद में खूब तरक्की की

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