Jul 7, 2024
रतन टाटा के दादा थे रतनजी टाटा। रतनजी के भाई थे दोराबजी। दोराबजी ने मेहरबाई से शादी की थी
Credit: TataTrusts/X
मेहरबाई के पास एक हीरा था, जिसे उन्होंने टाटा स्टील को बचाने के लिए गिरवी रख दिया था
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टाटा ट्रस्ट्स की वेबसाइट के अनुसार दोराबजी ने सन 1900 में 245.35 कैरेट का जुबली डायमंड मेहरबाई को तोहफे में दिया
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सन 1900 में इस हीरे की कीमत 1 लाख पाउंड थी। इंफ्लेशन कैलकुलेशन के अनुसार अब इस हीरे के अनुमानित कीमत करीब 165 करोड़ रु बनेगी
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1920 के दशक में मेहरबाई ने टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (TISCO) के लिए पैसा जुटाने के लिए अपना ये हीरा गिरवी रख दिया
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TISCO उस समय गंभीर फाइनेंशियल संकट का सामना कर रही थी। ये हीरा कोहिनूर हीरे से दोगुना बड़ा था। कोहिनूर हीरा 105.6 कैरेट का है
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ये हीरा इम्पीरियल बैंक के पास गिरवी रखा गया और TISCO के लिए पैसे जुटाए गए। उसके बाद TISCO के हालात बेहतर होते गए, जो बाद में टाटा स्टील बनी
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टाटा ग्रुप के अनुसार, सर दोराबजी टाटा की मृत्यु के बाद जुबली डायमंड को सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट बनाने के लिए बेच दिया गया
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