Dec 15, 2023

पुरखों के वसीयत में फंसा 'बिड़ला' परिवार, 16000 करोड़ का नहीं मिल रहा वारिस

Ashish Kushwaha

​हर्ष वर्धन लोढ़ा​

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हर्ष वर्धन लोढ़ा के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद वह 16,000 करोड़ रुपये के एमपी बिड़ला समूह के अध्यक्ष बने रहेंगे।

Credit: BCCL

​ प्रियंवदा देवी बिड़ला ​

न्यायालय ने अपने तीन साल पुराने फैसले को पलट दिया है। नए फैसले से दिवंगत प्रियंवदा देवी बिड़ला की संपत्ति पर लोढ़ा परिवार के साथ लंबी कानूनी लड़ाई में बिड़ला परिवार को झटका लगा है।

Credit: BCCL

SIM Card Rules

​सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के कयास​

इस फैसले को बिड़ला परिवार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की संभावना है।

Credit: BCCL

​कब शुरू हुआ विवाद​

जुलाई 2004 में प्रियंवदा देवी बिड़ला के देहांत के बाद उनके द्वारा लिखी वसीयत पर कानूनी लड़ाई शुरू होती है।

Credit: BCCL

​मार्च 2008​

मार्च 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंवदा की संपत्ति पर बिड़ला परिवार के दावे को खारिज कर दिया।

Credit: BCCL

​अक्टूबर 2008 में आरएस लोढ़ा का देहांत​

जिसके बाद अक्टूबर 2008 में आरएस लोढ़ा का देहांत हो गया और हर्ष लोढ़ा को एमपी बिड़ला समूह का उत्तराधिकारी बनाया जाता है।

Credit: BCCL

​कैसे हुआ विवाद​

प्रियंवदा देवी बिड़ला ने 18 अप्रैल, 1999 की एक पंजीकृत वसीयत के माध्यम से अपनी संपत्ति अपने विश्वसनीय सलाहकार और विश्वासपात्र, राजेंद्र सिंह लोढ़ा को दे दी थी।

Credit: BCCL

​आरएस लोढ़ा​

उनकी मृत्यु के बाद, आरएस लोढ़ा एमपी बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन बने. विस्तारित बिड़ला परिवार के कई सदस्यों ने वसीयत को चुनौती दी

Credit: BCCL

MP बिड़ला की संपत्तियां​

बॉम्बे हॉस्पिटल ट्रस्ट और बेलेव्यू क्लिनिक कोलकाता सहित 12 अस्पताल; 11 स्कूल और एमपी बिड़ला तारामंडल जैसी संपत्तियां है।

Credit: BCCL

Thanks For Reading!

Next: नौकरी के लिए बेस्ट हैं ये 10 कंपनियां, इस्तीफे का दूर-दूर तक नहीं आता ख्याल