Oct 30, 2024
भारत में पैकेज्ड मिठाई इंडस्ट्री 6200 करोड़ रु से अधिक की है। दिवाली के समय मिठाई का बिजनेस काफी जबरदस्त रहता है
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मगर शायद आप भारत के सबसे पुराने हलवाइयों के बारे में नहीं जानते होंगे। आइए हम बताते हैं
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आगरा में मौजूद भगत हलवाई की शुरुआत 1795 में लेख राज भगत ने की थी। इनकी मिठाई 352 रु से 652 रु तक के पैक में उपलब्ध है
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मुंबई के पंजाबी घसीटाराम हलवाई की शुरुआत 1916 में हुई थी। ये बेसन के लड्डू से लेकर पेड़ा और काजू कतली भी बनाते हैं
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कोलकाता के केसी दास हलवाई की शुरुआत 1866 में हुई थी। इन्होंने 1930 में पहला कैन में पैक रसगुल्ला पेश किया था
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मुंबई में है पारसी डेयरी फार्म जिसककी शुरुआत भी 1916 में हुई। ये 80 से अधिक तरह की मिठाई बनाते हैं
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चेन्नई के बाशा हलवावाला 85 साल पुराने हैं। इनका शहद में बना हलवा 'दम का रोस्ट' बेहद पॉपुलर है, जिसकी कीमत 480 रु किलो है
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चांदनी चौक में है चैना राम सिंधी कन्फेक्शनर्स, जो 1947 में शुरू हुई। पहले ये दुकान लाहौर के अनारकली मार्केट में हुआ करती थी
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चांदनी चौक की पराठे वाली गली में ही हैं कंवरजी मिठाई वाले। ये 1850 में शुरू हुई दुकान है। इसका पिस्ता लौज बेहद फेमस है
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चंदूलाल बहल कराची से मुंबई आए और 1896 में पंजाबी चंदू हलवाई की शुरुआत की, जिसकी सिंधी जलेबी काफी बिकती है
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1988 में बेंगलुरु में आनंद स्वीट्स की शुरुआत आनंद दयाल दादू ने की, जिसकी बालूशाही और मोतीचूर के लड्डू फेमस हैं
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