Dec 22, 2024
भारत में पैकेज्ड मिठाई का कारोबार 6200 करोड़ रु से अधिक का है। नए साल जैसे मौकों पर मिठाई की बिक्री बढ़ जाती है
Credit: X/Meta-AI
मगर क्या आप भारत के सबसे पुराने हलवाइयों के बारे में जानते हैं? आइए हम बताते हैं
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आगरा के भगत हलवाई की शुरुआत 1795 में हुई थी। इसे लेख राज भगत ने शुरू किया था। यहां की मिठाई 352-652 रु तक के पैक में मिलती है
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मुंबई में पंजाबी घसीटाराम हलवाई की शुरुआत 1916 में हुई थी। इनके प्रोडक्ट्स में बेसन के लड्डू, पेड़ा और काजू कतली शामिल हैं
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कोलकाता में केसी दास हलवाई की शुरुआत 1866 में हुई थी। इसी ने 1930 में पहला कैन पैक रसगुल्ला पेश किया था
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मुंबई में पारसी डेयरी फार्म की शुरुआत 1916 में हुई। यहां 80 से ज्यादा तरह की मिठाई मिलती हैं
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चेन्नई में है बाशा हलवावाला, जो 85 साल पुराने हैं। इनका शहद में बना हलवा 'दम का रोस्ट' बेहद पॉपुलर है, जिसकी कीमत 480 रु किलो है
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चांदनी चौक में है चैना राम सिंधी कन्फेक्शनर्स, जो 1947 में शुरू हुई। पहले ये दुकान लाहौर के अनारकली मार्केट में हुआ करती थी
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चांदनी चौक की पराठे वाली गली में ही हैं कंवरजी मिठाई वाले। ये 1850 में शुरू हुई दुकान है। इसका पिस्ता लौज बेहद फेमस है
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चंदूलाल बहल कराची से मुंबई आए और 1896 में पंजाबी चंदू हलवाई की शुरुआत की, जिसकी सिंधी जलेबी काफी बिकती है
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1988 में बेंगलुरु में आनंद स्वीट्स की शुरुआत आनंद दयाल दादू ने की, जिसकी बालूशाही और मोतीचूर के लड्डू फेमस हैं
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