Dec 4, 2023
न्यू इंडिया में चुनाव जीतना अब पहले जैसा नहीं रहा है। वह एक मैनेजमेंट बन गया है। और इस काम में कंपनियां आ गई हैं। और उसमें से कुछ को जीत की गारंटी माना जा रहा है।
Credit: bccl/varhae/ipac/lead-tech
सुनील कनूगोलू की इस समय खूब चर्चा है। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत का उन्हें सूत्रधार माना जा रहा है। इसके पहले वह कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिला चुके हैं।
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सुनील कनूगोलू माइंडशेयर एनॉलिटिक्स के फाउंडर हैं। वह पहले प्रशांत किशोर के साथ काम करते थे। सुनील ने चुनावी रणनीति बनाने में भाजपा के साथ 2017 में यूपी, उत्तराखंड आदि राज्यों के लिए भी काम किया है।
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I-PAC की स्थापना प्रशांत किशोर ने की थी। वह भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के साथ काम कर चुके हैं।
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हालांकि अब प्रशांत किशोर अपने को आई-पैक से अलग कहते हैं। लेकिन प्रशांत ही थे जिन्होंने चुनाव को कॉरपोरेट स्टाइल में कैसे मैनेज किया जाता है, उसकी पहचान दिलाई।
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वाराहे भी पॉलिटिकल कंसल्टेंसी का काम करती है। भाजपा के लिए इस बार छत्तीसगढ़ की रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
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छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत कई राजनीतिक पंडितों को सरप्राइज कर रही है।
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लीड टेक कंपनी भारत की उन शुरूआती कंपनियों में हैं, जिन्होंने राजनीतिक दलों के लिए सर्वे और रणनीति बनाने का काम किया। वह अभी तक 20 राज्यों में काम कर चुकी है।
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