Nov 19, 2023
देश के बड़े शहरों में जाम बहुत ज्यादा होते हैं जिससे कार वाली टैक्सी को आगे बढ़ने की जगह नहीं मिल पाती वहीं बाइक को निकालना आसान होता है।
Credit: Rapido
ऐसे में 2015 में देश की पहली बाइक टैक्सी रैपिडो शुरू हुई जिसमें कार टैक्सी के मुकाबले सस्ता किराया था।
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पिछले 3-4 सालों में कंपनी ने सफलता की रफ्तार भरी। देश के टियर-1 और टियर-2 शहरों में बाइक सर्विस का इस्तेमाल बढ़ा।
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इसने कम किराये में बाइक से सफर करना और ऑफिस से लेकर बाजार तक पहुंचना आसान बना दिया।
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बेंगलुरु में अरविंद संका, पवन गुटुपल्ली और एसआर ऋषिकेश ने मिलकर 2015 में रैपिडो की शुरुआत की।
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इससे पहले तीनों मिलकर एक स्टार्टअप चला रहे थे जो लॉजिस्टिक सुविधाएं दे रहा था, लेकिन तीनों ही बिजनेस सेक्टर में हाथ आजमाना चाहते थे।
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अप्रैल 2016 में हीरो मोटोकॉर्प के सीईओ पवन मुंजाल ने भी इसमें दिलचस्पी ली और रैपिडो में निवेश किया।
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कंपनी को स्विगी से फंडिंग राउंड में 2022 में 180 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले थे, जिससे कंपनी की वैल्यू 830 मिलियन डॉलर (6,800 करोड़ रुपये) तक बढ़ गई थी।
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