यूं ही नहीं बनते रतन टाटा, 'दादी' से सीखी दरियादिली, कर्मचारी के लिए दे दिया था डायमंड

Kashid Hussain

Jul 3, 2024

​रतन टाटा​

अरबपति और दिग्गज कारोबारी रतन टाटा अपनी दरियादिली के लिए काफी फेमस हैं

Credit: Tata-Group/BCCL

​दरियादिली की एक और मिसाल ​

टाटा ने अपनी दरियादिली की एक और मिसाल पेश की है। ये मामला टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज (TISS) से जुड़ा है

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​छंटनी रुकवा दी​

TISS ने 28 जून को टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ के कुल 115 लोगों को निकालने का ऐलान किया। मगर रतन टाटा ने ये छंटनी रुकवा दी

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व्रज आयरन हुआ लिस्ट

​टाटा ट्रस्ट​

टाटा ट्रस्ट ने TISS को 5 करोड़ रु की फाइनेंशियल सहायता देने का ऐलान किया। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा हैं

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​115 लोगों की नौकरी बच गई​

ट्रस्‍ट ने प्रोजेक्‍ट, प्रोग्राम और की सैलरी समेत कई खर्चों के लिए फंड जारी कर दिया, जिससे a

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​रतनजी टाटा​

रतन टाटा के दादा थे रतनजी टाटा। रतनजी के भाई थे दोराबजी टाटा। दोराबजी की पत्नी थीं मेहरबाई टाटा

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​मेहरबाई टाटा​

मेहरबाई टाटा रिश्ते में रतन टाटा की दादी ही लगीं। उन्होंने टाटा स्टील को बचाने के लिए अपना 245 कैरेट का जुबली डायमंड गिरवी रखा था

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​टाटा स्टील​

1920 के दशक में टाटा स्टील के सामने वित्तीय संकट आया, जिसे तब TISCO कहा जाता था

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​इंपीरियल बैंक के पास गिरवी रखा​

इस संकट को हल करने के लिए हीरे को इंपीरियल बैंक के पास गिरवी रखा गया। इससे TISCO की दिक्कत हल हो गई और कंपनी ने खूब तरक्की की

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​सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट ​

बाद में, इस हीरे को बेच दिया गया और उससे प्राप्त राशि का उपयोग सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट बनाने के लिए किया गया

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