Mar 22, 2024

11 ऐसे मौके जब रतन टाटा ने साबित किया, उनके जैसा कोई नहीं

Ramanuj Singh

​जब रतन टाटा ने इकोनॉमी क्लास में उड़ान भरना चुना​

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने इकोनॉमी क्लास में भी यात्रा की थी। उनके साथ बैठना सह-यात्री के लिए एक सुखद आश्चर्य से कम नहीं था।

Credit: Facebook/BCCL

​अपनी ही कंपनी में कर्मचारी के तौर पर किया काम​

रतन टाटा ने जमशेदपुर टाटा स्टील में एक कर्मचारी के रूप में अपनी ही कंपनी में काम किया था।

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​हमेशा अपने ड्राइवर के बगल में बैठते हैं​

रतन टाटा बहुत विनम्र और जमीन से जुड़े हुए हैं। वह ड्राइवर के बगल में बैठते हैं और सवारी का आनंद लेता है।

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​कोरोना के दौरान कर्मचारियों को न निकालें की अपील​

कोरोना के दौरान रतन टाटा ने उन कंपनियों की आलोचना की थी, जिन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला और अपील की थी नौकरी ने न निकालें।

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कोरोना से लड़ने के लिए दिया था सैकड़ों करोड़ का फंड

रतन टाटा ने फ्रंटलाइन श्रमिकों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल वस्तुओं को खरीदने के लिए टाटा के ट्रस्ट से सैकड़ों करोड़ रुपए का दान दिया था।

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26/11 हमले से प्रभावित कर्मचारियों के परिवारों से मिले थे

रतन टाटा ने 26/11 हमले से प्रभावित 80 कर्मचारियों के परिवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी। टाटा ग्रुप उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाता है।

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भारत रत्न की मांग न करने का किया था अनुरोध

रतन टाटा ने लोगों से अनुरोध किया था कि वे मेरे लिए भारत रत्न की मांग न करें।

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​घुटनों के बल झुक गए थे रतन टाटा​

टीएएस लीडरशिप प्रोग्राम में नए जॉइनर्स के इंडक्शन के दौरान बातचीत के बाद ग्रुप फोटोग्राफ के लिए घुटनों के बल झुक गए थे।

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​पालतू जानवरों को गोद लेने का अनुरोध​

देश के मशहूर उद्योगपति ने अपने इंस्टाग्राम फॉलोअर्स से अनुरोध किया कि वे लावारिस कुत्तों के लिए घर ढूंढने में उनकी मदद करें। और उनकी देखभाल करने का अनुरोध किया।

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​बच्चों के कुपोषण से लड़ना​

भारत में कुपोषण को लेकर रतन टाटा ने कहा था कि बच्चों और गर्भवती माताओं के पोषण में कुछ करना है। सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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​जरूरतमंद छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए मदद​

रतन टाटा नेतृत्व में टाटा समूह ने भारतीय छात्रों के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय को 28 मिलियन डॉलर की छात्रवृत्ति फंड दिया।

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