Feb 09, 2025
स्टॉक स्प्लिट तब होता है जब कंपनी के शेयर की कीमत बहुत ज्यादा हो जाती है, जिससे निवेशकों के लिए उसे खरीदना मुश्किल हो जाता है।
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स्टॉक स्प्लिट से शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन कुल मार्केट वैल्यू में कोई बदलाव नहीं आता।
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स्टॉक स्प्लिट से ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि होती है, जिससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ती है।
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स्टॉक स्प्लिट आमतौर पर उन कंपनियों द्वारा किया जाता है जिनका प्रदर्शन अच्छा रहता है।
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स्टॉक स्प्लिट से कंपनियां अपने शेयरधारकों को अधिक शेयर देती हैं, लेकिन कुल वैल्यू अपरिवर्तित रहती है।
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स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के प्रति निवेशकों की रुचि और सक्रियता बढ़ती है, क्योंकि अब ज्यादा लोग इन शेयरों को खरीद सकते हैं।
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