रवि वैश्य
Feb 1, 2023
स्टाम्प ड्यूटी जैसे कुछ खर्चे आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत टैक्स बचाने में मदद करते हैं
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स्टाम्प ड्यूटी टैक्स छूट उन लोगों को मिलने वाली आयकर छूट (IT Rebate) है, जिन्होंने उसी वित्तीय वर्ष में प्रॉपर्टी की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान किया है
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धारा 80C के तहत स्टैंप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क कटौती (Registration Charges) का दावा कब किया जा सकता है?
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स्टांप शुल्क (Stamp Duty) और पंजीकरण शुल्क पर कटौती का दावा केवल उस वर्ष (Same Year) में किया जा सकता है जब इन खर्चों के लिए वास्तविक भुगतान किया जाता है
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केवल एक व्यक्ति और एक एचयूएफ (HUF) अपने आयकर रिटर्न में इस कटौती का दावा कर सकते हैं
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धारा 80C के तहत संयुक्त मालिक व्यक्तिगत रूप से 1,50,000 रुपये तक के घर की संपत्ति को साझा करने वाले अनुपात में खर्चों में कटौती का दावा कर सकते हैं
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अगर आपका कोई होम लोन चल रहा है, तो भी आप स्टाम्प ड्यूटी छूट का लाभ उठा सकते हैं वैसे आप प्रॉपर्टी का निर्माण पूरा होने के बाद ही स्टाम्प ड्यूटी छूट क्लेम कर सकते हैं
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अगर आपने रेडी-टू-मूव-इन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदी है, तो आपके स्टाम्प ड्यूटी टैक्स बेनिफिट्स पहले दिन से लागू होंगे
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अगर आपने अपने पति या पत्नी के साथ संयुक्त स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी (Joint Property) खरीदी है, तो आप दोनों प्रत्येक 1.50 लाख रुपये की स्टाम्प ड्यूटी कर छूट का दावा कर पायेंगे
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रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बेचने के लिए 5 साल की लॉक-इन पीरियड होती है, जिसके लिए आपने स्टाम्प ड्यूटी पर टैक्स छूट का क्लेम किया है
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कटौती केवल रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज (Residential Property) के लिए उपलब्ध है, कमर्शियल प्रॉपर्टीज के लिए नहीं यानी ये इसके अंतर्गत नहीं आती हैं
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