इन अरबपतियों ने अपने बच्चों को नहीं सौंपा कारोबार, भारत में नहीं दिखती ऐसी हिम्मत

Prashant Srivastav

Sep 5, 2023

बच्चों को उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा

भारत में आम तौर पर सभी कारपोरेट घरानों में कारोबार अगली पीढ़ी को सौंपा जाता है। अंबानी, अडानी और अजीम प्रेमजी फैमिली में भी यही परंपरा दिखी है।

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परंपरा से हटकर उठाया कदम

लेकिन भारत में कुछ ऐसी बिजनेस फैमिली है, जिनके मुखिया ने एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया लेकिन उसे अपने बच्चों को नहीं सौंपा।

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HDFC बनाया

सी.ए. दीपक पारेख ने होम फाइनेंस कंपनी HDFC को बनाया और उससे HDFC BANK बना। उसके चेयरमैन और फाउंडर मेंबर में से एक पारेख ने रिटायरमेंट के बाद अपने बच्चों को बैंक और कंपनी की कमान नहीं सौंपी

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खुद बनाया मुकाम

पारेख के दो बेटे आदित्य पारेख और सिद्धार्थ पारेख हैं। दोनों बेटों वेंचर कैपिटलिस्ट हैं।

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उदय कोटक

कोटक महिंद्रा बैंक की स्थापना उदय कोटक ने की है। अब वह रिटायर हो गए हैं।

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जय कोटक

उदय कोटक के बेटे जय कोटक हैं, वह कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़े हुए हैं। लेकिन उदय कोटक ने बैंक की कमान उन्हें नहीं सौंपी है।

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नारायण मूर्ति

इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने भी अलग परंपरा निभाई है। उन्होंने दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी की कमान अपने बेटे रोहन मूर्ति को नहीं दी ।

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रोहन मूर्ति ने बनाई अलग पहचान

रोहन मूर्ति ने अपने पिता की तरह आईटी कंपनी बनाई है। साल 2014 में SOROCO की स्थापना की।

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