Sep 2, 2023
प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है
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उन पर केनरा बैंक के 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है।
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हो सकता है कि आपको ये सब पता हो लेकिन आप नरेश गोयल के संघर्ष के बारे में नहीं जानते होंगे।
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आज हम आपको उनके द्वारा जेट एयरवेज को एयरलाइन कंपनी का सरताज बनाने से लेकर उसके बंद होने तक की कहानी बता रहे हैं।
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नरेश गोयल ने साल 1967 में दिल्ली में रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने रिश्ते के चाचा चरणदास के पास आए थे, चाचा एक ट्रेवल एजेंसी चलाते थे और सिर्फ 300 रुपये की सैलरी से करियर की शुरुआत की थी।
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नरेश गोयल ने जब काम सीख लिया तब 1974 में अपनी खुद की ट्रेवल एजेंसी जेट एयर शुरू की। इसके बाद 1993 में ट्रेवल एजेंसी को बंद कर जेट एयरवेज की नींव रखी।
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तब उनके पास केवल दो बोइंग 737-300 जेट्स थे। जिसको वो चार्टेड प्लेन की तरह इस्तेमाल करते थे। 2002 आते-आते जेट एयरवेज ने मार्केट शेयर में एयर इंडिया को भी पीछे कर दिया।
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जेट एयरवेज के हालात 2002 से लेकर के 2011 तक ठीक चल रह थे। शेयर मार्केट में IPO लॉन्च करने से लेकर सहारा एयरलाइन को 2250 करोड़ रुपये में खरीदने का काम इस दौरान नरेश गोयल ने किया।
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इंडिगो के मुकाबले जेट एयरवेज का किराया एक रुपया प्रति किलोमीटर ज्यादा था। 2015 में जेट एयरवेज इंडिगो के सस्ते टिकट बेचने के ऑफर से नुकसान हो रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में कंपनी की वैल्यू 1,129.73 करोड़ हो गई थी।
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जेट एयरवेज को इंडिगो के मुकाबले हर सीट पर प्रति किलोमीटर सिर्फ 50 पैसे ज्यादा कमाई हो रही थी। इसके बाद कंपनी के हालात बिगड़ते चले गए। लगभग 25 साल तक एयरलाइन के ऑपरेशन के बाद भारी कर्ज में डूबने के चलते अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज बंद हो गई।
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